रोडवेज पर बकाया होने पर खुद ही ने कुर्क कर लिया, बोर्ड ने खाली करने का नोटिस दिया
उज्जैन, अग्निपथ। लक्ष्मीनगर के एक मकान पर कब्जे को लेकर मप्र गृह निर्माण मंडल (हाउसिंग बोर्ड) और आरटीओ के बीच रस्साकशी चल रही है। वजह आरटीओ ने मप्र राज्य परिवहन निगम (रोडवेज) को अलाट मकान कुर्क तो किया ही बोर्ड के सक्षम न्यायालय के नोटिस के बाद भी खाली नहीं किया।
हाउसिंग बोर्ड ने लक्ष्मीनगर स्थित एचएक्स 32 मकान करीब 25 साल पहले रोडवेज को किश्तों पर अलाट किया था। रोडवेज के बंद होने और राशि बकाया होने पर अलाटमेंट निरस्त का नोटिस जारी किया। इस दौरान क्षेत्रिय परिवहन विभाग ने मकान पर कब्जा कर लिया।
जानकारी मिलने पर करीब डेढ़ साल पहले बोर्ड ने मकान खाली करने की प्रकिया शुरू की तो पता चला आरटीओ संतोष मालवीय मकान में अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं। बोर्ड की कार्रवाई देख उन्होंने खुद ही मकान कुर्क करने के आदेश जारी कर खुद को अलाट कर दिया। नतीजतन बोर्ड सक्षम न्यायालय पहुंचा जहां आरटीओ मालवीय से पूछा कि वे किस हैसियत से मकान में रहते हैं।
उन्होंने कहा रोडवेज द्वारा बकाया राशि नहीं देने पर मकान कुर्क कर रह रहे हैं। हालांकि अग्निपथ द्वारा इस सबंध में पूछने पर आरटीओ मालवीय जवाब नहीं दे पाए।
धारा 55 (5) का नोटिस जारी
हाउसिंग बार्ड सूत्रों की माने तो सक्षम न्यायालय में प्रकरण के दौरान ही मालवीय ने मकान में लाखों रुपए की लागत से बिना अनुमति निर्माण कर लिया। जबकि कोर्ट उनके तर्को से सहमत नहीं है। यहीं वजह है सक्षम न्यायालय ने मकान खाली करने के लिए उन्हें मप्र गृह निर्माण मंडल की धारा 55(5)के तहत नोटिस जारी किया है।
अधिकारी बचाने में लगे
खास बात यह है कि मकान बोर्ड का होने पर भी कुछ प्रशासनिक अधिकारी आरटीओ मालवीय का कब्जा बनाए रखने के लिए हाउसिंग बोर्ड पर दबाव बना रहे हैं। बोर्ड के कुछ अधिकारी भी निजी हितों के चलते उनके पक्ष में हैं। यहीं वजह है कि सक्षम न्यायालय के आदेश के बावजूद मकान पर बोर्ड का कब्जा नहीं हो पा रहा है।
एडवोकेट की राय पर उम्मीद
आरटीओ को भी तहसीलदार का पॉवर है। उन्होंने मकान रोडवेज से केप्चर किया है मामले में हम एडवोकेट से एडवाइज ले रहे हैं कि उनकी धारा पॉवर फुल है या हमारी। -आरसी पंवार, एक्जेक्यूटिव इंजीनियर, मप्र. हाउसिंग बोर्ड