माकड़ौन, अग्निपथ। कहने को तो मकड़ौन को तहसील का दर्जा मिल चुका है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह केवल नाम की तहसील बनकर रह गई है। उक्त आरोप लगाते हुए पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष नंदकिशोर पालीवाल ने बताया कि तहसील के तहत क्षेत्र के 100 से अधिक गांव शामिल है।
तहसील मुख्यालय में कृषि विस्तार अधिकारी ग्राम सेवकों के नदारद रहने से कृषकों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा एक ओर तो किसानों के हितों के बड़े-बड़े दावें किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर तहसील कार्यालय में किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। कांग्रेस नेता पालीवाल ने बताया कि इस ओर अनुविभागीय अधिकारी तराना भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
मानसून प्रारंभ होने को है लेकिन किसानों को शासन से प्राप्त खाद बीज दवाइयों का लाभ नहीं मिल रहा है, क्योंकि कृषि विभाग से संबंधित अधिकारी तहसील मुख्यालय पर नहीं बैठते हैं। फलस्वरुप पट्टेधारी किसान के साथ ही आम कृषक परेशान हो रहे हैं। तहसील मुख्यालय पर अधिकारियों के नाम मिलने से पसोपेश की स्थिति में किसान तराना के चक्कर लगा रहे हैं एवं अधिकारी को ढूंढते फिर रहे हैं कांग्रेस नेता नंदकिशोर पालीवाल ने एसडीएम तराना से माकड़ौन तहसील मुख्यालय की व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की है।