रशिया से पढ़ाई की, मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया की परीक्षा में फैल होने पर फर्जी दस्तावेज बनाकर प्राप्त की नौकरी
मंदसौर/भानपुरा, अग्निपथ। भानपुरा के सरकारी अस्पताल में छह साल पहले फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने वाले डॉक्ट र के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज होने के बाद जांच शुरू हो गई है। मामले की भनक लगने पर डॉक्टर नौकरी छोड़कर चला गया।
शासकीय चिकित्सालय भानपुरा में 2014–15 में प्रथम पोस्टिंग पाए डॉक्टर शैलेंद्र पाटीदार निवासी यश नगर मंदसौर द्वारा रशिया में पढ़ाई कर देश में एमबीबीएस डिग्री प्राप्त करने हेतु असफल होने पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर नौकरी प्राप्त कर ली थी। धोखाधड़ी करने के चलते उपरोक्त मामले के उजागर होने पर नौकरी से रिजाइन देकर अपने कारनामे को छुपाने का गंभीर कृत्य करने पर मंदसौर जिला मुख्यालय पर जीरो पर कायमी होकर पुलिस थाना भानपुरा मैं मामले को भिजवाए जाने पर शासकीय चिकित्सालय भानपुरा में प्रथम पोस्टिंग पाने के चलते पुलिस थाना भानपुरा निरीक्षक कमलेश कुमार सिंगार द्वारा आरोपी शैलेंद्र पिता जगदीश पाटीदार के खिलाफ मंगलवार 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 एवं 470 में प्रकरण दर्ज कर मामला विवेचना में लिया गया।
पुलिस थाना अधिकारी भानपुरा ने पत्रकारों को बताया कि 2014 मैं शासकीय चिकित्सालय भानपुरा में पदेन हुए चिकित्सक शैलेंद्र पाटीदार को जब पता चला कि उनके खिलाफ जांच की जा रही है तो वह नौकरी नौकरी छोड़ कर चले गए। श्री सिंगार ने बताया कि भारत में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने हेतु इंडियन मेडिकल काउंसलिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करना होती है। तभी यहां पर डॉक्टरी की मान्यता मिलती है। मात्र रशिया में पढ़ाई कर डिग्री प्राप्त करने को भारत में अमान्य किया गया है। श्री सिंगार ने बताया कि उपरोक्त मामले की सघनता से जांच की जाएगी एवं फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों में जिन जिन संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाने में संहयोग किया गया होगा विवेचना के पश्चात सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उपरोक्त मामले के उजागर होने के बाद नगर वासियों को आश्चर्यचकित कर दिया की एक अच्छा उपचार करने वाले वाला डॉक्टर शैलेंद्र पाटीदार इस तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त कर लगभग डेढ़ वर्षो तक इलाज के नाम पर लोगों की आंखों में धूल झोंकता रहा।