उज्जैन,अग्निपथ। कोरोना काल में कई ऐसे योद्धा रहे हैं जो दिन दुनिया से दूर रहकर सेवा के अपने मिशन को अंजाम देने में लगे रहे।ऐसे योद्धाओं का कही जिक्र ही नहीं हो पाया है। परंतु रूप चौदस के मौके पर जेके अस्पताल संस्थान ने उनके इस हौसले को याद कर इस दिन को यादगार बना दिया।
उम्रदराज इन तीन महिला विभूतियों को सम्मानित ही नही किया बल्कि गाजे-बाजे के साथ अगवानी कर ऐसा सम्मान किया जो निश्चित ही दूसरो को प्रेरणा भी देगा। टिंकू अग्निहोत्री के अनुसार सत्तर वर्ष उम्र की तीन नर्सों ने पूरे कठिन दौर में भी पूरी ईमानदारी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का सहरानीय प्रदर्शन किया। हॉस्पिटल प्रबंधन ने चंद्रकला पांचाल (70 वर्ष), कमला निगोर (72 ) व सरयू कुलकर्णी (74) को उम्र के मान से घर बैठने की अनुमति दी थी पूरे वेतन के साथ। लेकिन इन तीनों ने अपनी जान की परवाह किये बिना एक दिन की भी छुट्टी नही ली।
इस दौरान कमला निगोर को कार्य के दौरान कोरोना संक्रमण भी हुआ। 15 दिन में ही कोरोना को हरा कर वो फिर अपने काम पर आ गयीं। इन तीनो के हौसले को देखते हुए रूपचौदस पर डॉ. जया मिश्र व डॉ. कात्यायन मिश्र और पूरे स्टाफ के द्वारा उनका सम्मान किया गया।
गाजे-बाजे से लाए, सम्मान किया, आंखों से छलक आए आंसू
इस दौरान तीनों को सजा कर कार से लाया गया, ढोल-गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया। कार्यक्रम में डॉ. किरण पोरवाल, डॉ. आशीष पाठक भी मौजूद थे। तीनो सिस्टर भाव विभोर होकर आंखों के मोतियों को रोक नही पाई।