खाचरौद, अग्निपथ। नगर की एकमात्र दार्शनिक धरोहर गंगा जमनी तहजीब तालाब बीते कई वर्षों से स्थानीय प्रशासन व नगर पालिका परिषद की अनदेखी व लापरवाही के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। प्राकृतिक रूप से सर्व सम्पन्न इस धरोहर को आसपास के जनमानस व दुकानदारों ने कचरा पेटी समक्ष चारो दिशाओं से इसमे कचरा फेंक कर इसे दूषित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, इसके बाद भी जब प्रशासन व नपा की नींद नहीं खुली तो इस अतिप्राचीन धरोहर को बचाने के लिए नगर की एक युवा टीम आगे आई व जनसहयोग से इस तालाब की साफ सफाई प्रारंभ कर कई टनो कचरा निकाल इस का सोंदर्य करण का कार्य किया जा रहा हे , जो बेहद प्रशंसनीय हे , वहीं इस जनहितैषी कार्य मे नगर की जनता का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।
पंरतु कार्य कर रही युवा टीम का यह सुंदर प्रयास तभी सफल होगा जब नपा प्रशासन इसमे सहभागिता बन व्यवस्था को सुचारु बनाये रखेगा। आमतौर पर देखने में आता है कि गोपाल मार्ग की तरफ की तालाब की पाल पर नपा के सफाई कर्मचारियों द्वारा आसपास.के क्षेत्रों का कचरा एकत्रकर तालाब की पाल पर डाल दिया जाता है, जो हवा के साथ तालाब के अंदर जाकर पानी तो दूर्षित करता ही हे साथ ही सुंदरता भी नष्ट करता है।
इसके अलावा पाल से लगी दुकानों का कचरा भी पाल पर ही डाला जाता है, तालाब को दूषित करने मे इनका भी बहुत बड़ा योगदान है, ऐसा नहीं है कि नपा प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं है पर नपा इन दुकानदारों पर कार्यवाही करने से हमेशा बचता रहा है, क्योंकि नपा के कर्मचारी भी इस गलत कार्य में सहभागी है, पर उन पर कार्यवाही कौन करे। इसके अलावा अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा भी तलाब के सौंदर्य को समाप्त करने का सफल प्रयास किया जा रहा है, यह सब स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।
पूर्व में इस तालाब की सीमा का सीमांकन हो चुका है लेकिन तालाब के बीच का आंतरिक अतिक्रमण अब तक नहीं हट पाया है, जिस कारण तालाब की भव्यता सिमटती जा रही हे। वहीं तलाब की सफाई करा रही युवा टीम को चाहिए कि वह तलाब की पाल पर डाले जा रहे कचरे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कराकर गैरजिम्मेदारों पर प्रशासनिक कानूनी कार्यवाही कराई जावे, अन्यथा की जा रही मेहनत व्यर्थ है। यहां चार दिन की चांदनी फिर वहीं अंधेरी रात वाली कहावत चरितार्थ होगी।