आयुक्त ने मौखिक निर्देश दिए, अपर आयुक्त ने डाल दी टीप
उज्जैन, अग्निपथ। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के अंतर्गत उज्जैन शहर में हुए कार्यो के भुगतान से जुड़ी फाइलों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। करीब 96 लाख रुपए के भुगतान से जुड़े इस मामले में अपर आयुक्त वित्त ने फाइलों को अब ऑडिटर के पास भेज दिया है। ऑडिटर के पास भेजे जाने से पहले इन फाइलों पर टीप डाल दी है कि जरूरी पूर्ति नहीं की गई है और आयुक्त के मौखिक निर्देश पर इन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े कार्यो के टेंडर में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता की आशंका बनी हुई है। शहर में शौचालयों की रिपेयरिंग, वॉल पेंटिंग, नल-टोटियां, टंकी आदि लगाने जैसे कार्यो के तीन अलग-अलग टेंडर शार्ट नोटिस पर जारी हुए थे। इन कार्यो का शुरुआती आंकलन करीब 40 से 42 लाख रुपए निकाला गया था लेकिन काम शुरू हुए तो बजट 96 लाख रुपए तक पहुंच गया।
अमूमन किसी टेंडर में यदि आंकलित खर्च से 10 प्रतिशत से अधिक रकम खर्च होती है तो उसके लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति लेना जरूरी हो जाता है। तीनों टेंडर के मामले में तो बजट टेंडर राशि से दो गुना हो गया था।
शार्ट नोटिस (7 दिन की अवधि) टेंडर निकाले जाने की प्रक्रिया भी संदेह के दायरे में है। जिन ठेकेदारों ने ये तीनों टेंडर लिए थे, उन्होंने नगर निगम अधिकारियों के माध्यम से भुगतान के लिए दबाव बनाया लेकिन तीनों ही टेंडर की फाइलों में बहुत कुछ ऐसा था जिसे पूरा करना जरूरी था।
तीनों ही टेंडर की फाइलें अपर आयुक्त वित्त गणेश कुमार धाकड़ के पास पहुंची तो उन्होंने इन्हें वापस शिल्पज्ञ विभाग को लौटा दिया था। अब दोबारा से फाइलें अपर आयुक्त वित्त के पास पहुंचने पर उन्होंने तीनों ही फाइलों को आयुक्त के मौखिक निर्देश पर स्वीकृति तो दे दी लेकिन फाइलों में आयुक्त के मौखिक निर्देश की टीप भी डाल दी। तीनों ही टेंडर के भुगतान से जुड़ी फाइलों को ऑडिटर के पास भेज दिया गया है।
अपर आयुक्त का चार्ज बदले जाने की चर्चा
स्वच्छता अभियान से जुड़ी विवादास्पद फाइलों पर आयुक्त क्षितिज सिंघल और अपर आयुक्त वित्त गणेश कुमार धाकड़ के बीच समन्वय नहीं बन पाने के बाद नगर निगम में अपर आयुक्त वित्त का चार्ज मनोज पाठक को सौंपे जाने की चर्चा है। हालांकि शुक्रवार शाम तक इस बारे में स्थिति साफ नहीं हो सकी थी। नगर निगम के किसी अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है।
वैसे गणेश कुमार धाकड़ को सीधे राज्य शासन ने अपर आयुक्त वित्त के पद पर उज्जैन नगर निगम में पदस्थ किया है। उनकी पदस्थापना में किसी तरह का बदलाव आयुक्त के स्तर पर नहीं किया जा सकता है।