वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में फोटो नहीं लगे होने के कारण धांधली की आशंका

प्रवेश के लिए ऑनलाइन बुकिंग के जगह ऑफलाइन बुकिंग का रखा जाना चाहिए विकल्प, आधार कार्ड भी हो आवश्यक

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में 28 जून से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग करवाने की सहूलियत प्रदान की गई है। लेकिन इसमें श्रद्धालुओं का भौतिक सत्यापन नहीं हो पाएगा। जिसके चलते बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा किया जाकर दूसरे के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर श्रद्धालु प्रवेश करेंगे।

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की गुरुवार को आहूत बैठक में 28 जून से श्रद्धालुओं को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अथवा 24 से 48 घंटे की आरटी पीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट होने के बाद प्रवेश देने पर विचार किया गया है। इसके लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग करवाना होगी।

एक दिन में 3500 श्रद्धालुओं का मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा। लेकिन भगवान महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूसरे व्यक्ति के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का उपयोग भी कर सकते हैं। जिसके चलते ऑनलाइन बुकिंग में फर्जीवाड़े की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

ऑफलाइन बुकिंग काउंटर जरूरी

ऑनलाइन बुकिंग कोई भी व्यक्ति किसी के भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के द्वारा करवा सकता है। प्रवेश द्वार पर भी वह दूसरे के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को दिखाकर प्रवेश आसानी से पा सकता है। ऐसे में इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा ऑफलाइन काउंटर खोले जाना चाहिएं। यहां पर श्रद्धालु आकर अपना सर्टिफिकेट और आधार कार्ड दिखाएगा। इसके बाद उसका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे फर्जीवाड़े की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।

ज्ञातव्य रहे कि भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु किसी भी तरह के उपाय आजमाते हैं। मंदिर के आसपास के हार फूल वाले भी ऑनलाइन बुकिंग में फर्जी सर्टिफिकेट का उपयोग कर श्रद्धालुओं की बुकिंग करवा लेंगे। ऐसे में ऐसे श्रद्धालु जिनके पास वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अथवा कोरोना रिपोर्ट नहीं है। वह भी आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन कर लेंगे। भले से ही वे कोरोना पॉजिटिव हों।

सर्टिफिकेट का दुरुपयोग कर बना सकते हैं धंधा

ऑनलाइन बुकिंग और मंदिर में प्रवेश के दौरान श्रद्धालु वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाएगा। जिस पर उसका फोटो नहीं लगा होगा। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में किसी का भी फोटो नहीं लगाया गया है। जिसके चलते कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को दिखाकर प्रवेश कर जाएगा। हार फूल वाले फोटो नहीं लगा होने के कारण वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का आसानी से दुरुपयोग कर इसको अपना धंधा बना लेंगे।

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