आयुक्त की नजरें इनायत इधर भी हों..!

नगर निगम आयुक्त शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं। वे प्रात:काल से ही वार्डों में पहुंचकर सफाईकर्मियों के साथ वार्डवासियों से भी सफाई व्यवस्था को लेकर जानकारी एकत्रित करते हैं और सफाईकर्मियों की कार्यप्रणाली और उनका व्यवहार किस प्रकार है इसकी भी जानकारी लेकर कचरा वाहन प्रतिदिन आता है या नहीं व उसका हार्न बजता है या नहीं। लेकिन आयुक्त महोदय को एक बार किसी व्यक्ति की शवयात्रा में जाकर वहां पर चल रही धांधली का पता लगाना चाहिये। क्योंकि यहां पर सफाईकर्मी इस प्रकार शव जलने के उपरांत पीछे भागते हैं जैसे उनसे किसी ने उधारी ले ली हो। पहले जब शवयात्रा आती है तो वहां पर कंडे लकड़ी जमाने का शुल्क 300 रुपये तय रहता है। उसके उपरांत अगर कंडे-लडक़ी जमने के दौरान या शव जलने के उपरांत आसपास लकड़ी और अन्य सामग्री गिरती है तो उसका चार्ज वहां मौजूद सफाईकर्मी द्वारा 200 रुपये लिया जाता है। अब शवयात्रा लेकर आने वाले को इस प्रकार प्रताडि़त किया जाता है कि उसे मजबूरीवश वह राशि उन्हें देना ही पड़ती है अन्यथा उसे धमकी दी जाती है कि अगर गड़बड़ हुई तो हमारी जवाबदारी नहीं होगी।

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