कलाली के आगे विधायक की भी नहीं चली
उज्जैन, अग्निपथ। आगर रोड पर सिंहस्थ उपयोग की रोड़ बनाने के लिए आरक्षित जमींन पर कलाली खुल जाने के मामले में नगर निगम अधिकारियों ने विधायक पारस जैन की बात को भी हवा में उड़ा दिया है। विधायक ने प्रस्तावित जमींन पर कलाली खोले जाने पर विरोध जताया, उल्टे यहां टीन-शेड तन गए। आगर रोड़ की जिस जमींन यह कलाली खुली है, उसे सिंहस्थ मुक्त कराने के लिए राजस्व रिकार्ड में छेड़छाड़ की गई थी। इस छेड़छाड़ को राजस्व भूलकर मानकर सुधार तो कर लिया गया लेकिन उपयोग बदला किसने और कैसे इसकी जांच ही नहीं की गई।
आगर रोड पर गायत्री नगर कार्नर पर सर्वे नंबर 1535/1/1, 1535/1/2 और 1535/1/3 और 1535/1/4 ये चारों की रकबें सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए आरक्षित है। इन्हीं में से एक रकबे में देशी शराब की दुकान(कलाली) खुली है। 1535/1/3 की कुल 0.0990 हेक्टेयर जमींन को 18 मार्च 2014 को सिंहस्थ आरक्षित पंजी में चढ़ाया गया। इससे पहले इस जमींन के राजस्व रिकार्ड में फेरबदल हुए थे।
इसी तरह सर्वे नंबर 1535/1/2 की 0.1000 हेक्टेयर जमींन में 2018-19 की खसरा नकल में कैफियत ही नहीं चढ़ी हुई है, 26 फरवरी 2020 को पटवारी ने इसे फिर से सिंहस्थ भूमि के रूप में दर्ज किया। मतलब साफ है कि इससे पहले इस जमींन के रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
कलाली नहीं हटाई तो बन जाएगा आंदोलन
उज्जैन उत्तर के विधायक और पूर्व मंत्री पारस जैन के मुताबिक यदि अधिकारी कलाली को तुरंत नहीं हटाएंगे तो यह एक आंदोलन बन जाएगा। श्री जैन ने कहा कि जिस जगह से रोड़ प्रस्तावित है, वहां रोड़ ही बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि मैंने कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से बात की है। दो दिन वे वैक्सीनेशन में लगे रहे। अब भी फिर से उनसे बात करूंगा। टीएनसी के नियमों के विपरीत नहीं जा सकते, हमने सेठीनगर में एक निर्माण रातो रात हटवाया था, इसे भी हटवाकर ही रहेंगे।