फर्जी नक्शे वाला मकान जांचने पहुंची नगर निगम की टीम
उज्जैन, अग्निपथ। गायत्री नगर के ए सेक्टर में बन रहे मकानों में फर्जी भवन अनुज्ञा का इस्तेमाल होने का खुलासा होने के बाद से ही नगर निगम में खासा हडक़ंप मचा हुआ है। मंगलवार से इस मामले की जांच शुरू हो गई है। नगर निगम की जोन उपयंत्री और ओवरसियर गायत्री नगर ए सेक्टर में पहुंचे और प्रत्येक निर्माणाधीन मकान वाले के नाम-पते नोट किए।
इस क्षेत्र में बन रहे प्रत्येक मकान के मालिक को नोटिस जारी कर उनसे भवन अनुज्ञा पत्र की प्रति मांगी जाएगी। जिनके पास से भवन अनुज्ञा नहीं होगी या नकली भवन अनुज्ञा होगी, उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अवैध निर्माण के मामले में एक और खुलासा हुआ है। इलाके के ओवरसियर ने यह स्वीकार किया है उसने काफी पहले से कॉलोनी में अवैध निर्माण होने की सूचनाएं अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी। ओवरसियर की सूचनाओं को गंभीरता से ही नहीं लिया गया। इस मामले में लापरवाही की एक और हद है। जिस शख्स ने गायत्री नगर ए सेक्टर में फर्जी नक्शे पर मकान बनने की शिकायत की, नगर निगम के कर्मचारी अब उस पर ही मकान दिखाने का दबाव बनाने लगे है।
फर्जी नक्शे का खेल सामने आने के बाद उन्हें खुद मकान मालिक और प्लॉट नंबर के आधार पर जांच करना चाहिए थी। उल्टे इस प्रकरण को उजागर करने वाले शख्स को दोषियों के सामने लाने का प्रयास किया गया।
ओवरसियर ने किया ये खुलासा
- सवाल- आपका काम जमीनी है, यदि कहीं अवैध निर्माण होता है तो सबसे पहले आपको जानकारी मिलती है। क्या आपने किसी को बताया?
- जवाब- मैं तो कई बार नाम-पते नोट कर भवन निरीक्षक और अन्य को बता चुका हूं। आगे का काम उनका होता है। अब वे अपना काम नहीं करे तो मैं छोटा कर्मचारी क्या करू।
- सवाल- फर्जी नक्शे की शिकायत की जानकारी भी क्या आपको पहले से थी?
- जवाब- गायत्री नगर में तो बहुत सारे निर्माण हुए है। जब से ऑनलाइन परमिशन होने लगी, हमें पता ही नहीं चलता कि किसे अनुमति मिली है, किसे नहीं।
- सवाल- अब तक कितने अवैध निर्माण की सूचनाएं आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे चुके है?
- जवाब- मैदानी अमले के रूप में हम अपना काम करते है। आगे वाले ही कुछ नहीं करे तो हम क्या कर सकते है।
(जैसा-ओवरसियर पुष्पेंद्र कहार ने बताया)