शहर को सफाई में नंबर वन लाने के लिए नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी दिन रात जुटे हुए हैं। लेकिन सफाई की असल पोल तो बारिश के दिनों में खुल ही जाती है। इस बारिश में शहर वासियों के लिये टाटा कंपनी द्वारा पाइप लाइन के लिये खोदी गयी सडक़ों पर बड़े-बड़े गड्ढों ने मुसीबत पैदा कर दी है। इन गड्ढों के कारण वाहन चालक और राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
यह व्यवस्था तो नगर निगम के अधिकारी भी अब तक सुधार नहीं पाये हैं। दूसरी बड़ी समस्या शहर के प्रमुख चौराहों पर आवारा पशुओं के रूप में मिल रही है। कालोनियों में तो आवारा पशुओं के साथ श्वान भी परेशान करते हैं। इन श्वानों के कारण प्रात: घर से निकलना मुश्किल है। सुबह सैर करने वालों के साथ यह श्वान पीछे-पीछे दौड़ लगाते हैं और कभी-कभी काट कर जख्मी भी कर देते हैं।
नगर निगम को इन आवारा पशुओं और श्वान को पकडऩे के लिये गैंग को पहुंचाना चाहिये। एक बार निगम का कोई अधिकारी प्रमुख चौराहों पर इन पशुओं की भरमार देख लेगा तो पता चलेगा किसी प्रकार चौराहों पर इनका जमघट लगा रहता है।
निगम को गंदगी के साथ बारिश में गड्ढों से उत्पन्न हो रही समस्या की ओर ध्यान देकर जनहित में इसका समाधान करना होगा। क्योंकि बारिश की गंदगी ही बीमारियों का कारण बनती है।