आरक्षक की ट्रेवल्स एजेंसी ने दी नेम प्लेट लगी इनोवा

पत्नी के नाम से इंकम टैक्स में ही वाहनों का ले रखा है टेंडर

उज्जैन,अग्निपथ। इंकम टैक्स कमिश्नर बन नौकरी लगाने के नाम पर ठगने के आरोप में बुधवार को पकड़ाया युवक 9 वीं फेल निकला। माधवनगर पुलिस ने उसे एक दिन के रिमांड पर लिया है। खास बात यह है कि उसे जिस ट्रेवल्स एजेंसी ने आयकर विभाग लिखी ईनोवा दी थी व इंदौर के आरक्षक की है और उसने पत्नी के नाम से इंकम टैक्स में ही वाहन उपलब्ध का ठेका ले रखा है।

मक्सीरोड केसरबाग निवासी वाहन चालक सत्यनारायण पिता बनेसिंह सोलंकी बेरोजगार होने पर नौकरी तलाश रहा था। दोस्त दुलीचंद ने एक कार्यक्रम में आयकर विभाग भारत सरकार लिखी इनोवा से आए इंदौर निवासी दीपक पिता ब्रजमोहन बैरवा (42) से उसकी मुलाकात हुई।

दीपक ने खुद को इंकम टैक्स कमिश्नर बताकर देवास में पीडब्ल्यूडी में नौकरी लगवाने का वादा कर बांड भरने के दो लाख रुपए मांगे। सोलंकी ने 2 जून को 1 लाख रुपए दे दिए। लेकिन एक लाख के लिए लगातार वाट्सअप कर तकादा करने पर सोलंकी को शक हुआ।

दीपक के ठग होने का पता चलने पर उसने माधवनगर टीआई मनीष लोधा से शिकायत कर दी। इधर मंगलवार को दीपक नानाखेड़ा स्थित अवंतिका होटल में आकर रुका और रुपए लेकर बुलाया तो बुधवार सुबह एसआई महेंद्र मकाश्रे टीम के साथ पहुंचे और दीपक को पकडक़र आयकर विभाग लिखी ईनोवा एमपी 09 टीबी 0151जब्त कर ली। दोपहर में उसे कोर्ट से रुपए बरामदगी, गाड़ी मालिक और भेजने वाले का पता लगाने के लिए गुरुवार तक के लिए रिमांड पर ले लिया।

ट्रेवल्स संचालक आरक्षक भी शंका के घेरे में

सूत्रों के अनुसार दीपक इंदौर की जिस सरस्वती ट्रेवल्स से आयकर विभाग भारत सरकार लिखी ईनोवा लाता था। वह इंदौर के आरक्षक श्रीराम चौहान की है। चौहान ने पत्नी के नाम से इंकम टैक्स में वाहन उपलब्ध करवाने का टेंडर ले रखा है। यहां दीपक नेम प्लेट लगी ईनोवा मांगता था और एजेंसी वाले उसके विभाग में नहीं होने का पता होने पर भी कम समय में ज्यादा किराए के लालच में नेम प्लेट लगी ईनोवा देते थे। नतीजतन वह किसी भी टोल पर बिना रसीद कटाए निकलता था और आसानी से ठगी भी करता था।

पद और मंत्रियों की धौंस काम न आई

होटल के कमरे में पुलिस के घुसते ही दीपक ने एसआई मकाश्रे पर रौब झाडऩे का प्रयास किया। खुद को इंकम टैक्स कमिश्नर बताते हुए परिणाम भुगतने की भी धमकी दी। लेकिन जब सवालों के सही जवाब नहीं दे सका तो मकाश्रे ने उसकी लू उतार दी। इस दौरान उसने खुद को बैरवा समाज का नेता और मंत्रियों से संबंध का भी हवाला दिया, लेकिन उसकी एक न चली। पुलिस को पता चला दीपक 9 वीं फेल होने के बावजूद फर्जी अधिकारी बन कइयों को ठग चुका है लेकिन अब तक शिकायत नहीं हुई। लेकिन अब उसके शिकार सामने आ सकते हंै।

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