खबरों के उस पार: रिकार्ड सही माने या वास्तविकता को..!

प्रशासनिक स्तर पर कहा जा रहा है कि कोरोना का दूसरा दौर अब शांत हो गया है। प्रशासनिक आंकड़ों में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या सिमट गई है। मरीजों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से घटकर दहाई के अंकों में सिमट गई है। वहीं मृतकों की संख्या में तो लंबे समय से इजाफा नहीं हुआ है।

यह आंकड़ा प्रशासन पेश कर रहा है। जबकि इसका एक और पहलू है तो प्रशासनिक आंकड़ों पर कई सवाल खड़े कर रहा है। जो चक्रतीर्थ से वास्तविकता को उजागर कर रहा है। चक्रतीर्थ पर गुरुवार को सुबह 11 से 12 बजे के बीच ही दो ऐसी लाशें आई जो कोरोना संक्रमित की थी। इन लाशों को कोरोना संक्रमितों की लाशे ढोने वाले वाहनों से पीपीई किट पहने कर्मचारी लेकर पहुंचे। दोनो शव प्लास्टिक थैली में लिपटे थे। इनका अंतिम संस्कार भी कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक किया गया था।

चक्रतीर्थ के सूत्रों का कहना है कि रोज दो-तीन लाशें यहां ऐसी पहुंच रही है, जिनका अंतिम संस्कार कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक हो रहा है। लेकिन रिकार्ड में कोरोना संक्रमित दर्ज नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कोरोना का प्रकोप अभी बरकरार है या खत्म हो चुका है?

किसे सही मानें चक्रतीर्थ पर कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक अंतिम संस्कार होती लाशों को या फिर प्रशासन द्वारा जारी होने वाले कोरोना बुलेटिन को?

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