तीन दिन में 3 रुपए दाम टूटे, 7 रुपए से 20 रुपए किलो तक मंडी में बिक रहा प्याज
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के किसानों का प्याज बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उडीसा जा रहा है। प्रतिदिन पांच से 8 ट्रक प्याज दूसरे राज्यों को भेजा जा रहा है। इससे किसानों का जहां नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा है। वहीं मंडी को भी शुल्क मिलने लगा है।
कोरोना लॉकडाउन के बाद आलू, लहसुन और प्याज की मंडी खुली है। इसमें अब खरीदी और बिक्री होने से किसानों के चेहरे खिलने लगे हैं। वहीं पिछले तीन दिन में प्याज के दाम तीन रुपए तक टूट गए हैं। मंडी में तीन रुपए बिकने वाला प्याज सात रुपए में बिकने लगा है। वहीं 23 रुपए में बिकने वाला प्याज शुक्रवार को 20 रुपए में बिका। हर दिन अलग-अलग व्यापारियों द्वारा पांच से 8 ट्रक दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है।
इन राज्यों में मप्र खासकर इंदौर, उज्जैन और शाजापुर के प्याज को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। 23 जून को प्याज 2890 क्विंटल आई। यह अधिकतम 2371 के दाम में बिकी। वहीं लहसुन की 1090 बोरी की आवक हुई। यह अधिकतम 6850 के दाम में बिकी, जबकि आलू की 50 बोरियां आईं यह मॉडल रेट 1000 के दाम में ्बिका। 24 जून को प्याज 2559 क्विंटल आया। यह 1557 के मॉडल रेट के मुकाबले 2223 के अधिकतम रेट पर बिका है।
पचास टन बांग्लादेश भी जा चुका है प्याज
उज्जैन से अक्सर प्याज बांग्लादेश जाता है। बांग्लादेश में उज्जैन के बोल्टा प्याज को काफी पसंद किया जाता है। पिछले हफ्ते ही उज्जैन की सांवरिया ट्रेडर्स नामक फर्म ने 25- 25 टन की दो गाडियां बांग्लादेश के लिए भेजी थी। इस हफ्ते दाम कम होने से प्याज की खेप को नहीं भेजा गया है।
लहसुन में आवक, आलू कमजोर
मंडी में 24 जून को लहसुन की 691 क्विंटल आवक हुई। यह 7200 के अधिकतम रेट पर बिका। इसका मॉडल रेट 3407 है। यानी लहसुन अभी दोगुने दाम पर बिक रहा है। वहीं आलू 39 क्विंटल आया है। यह 488 के मॉडल रेट के स्थान पर 887 के अधिकतम रेट पर बिका है।
बारिश में प्याज के दाम बढऩे लगे
बिहार के धनबाद में प्याज के दाम 34 रुपए किलो तक चले गए हैं। हालांकि यह मई में 15 से 20 रुपए किलो तक बिक रहा था। परन्तु बारिश की वजह से बिहार के अधिकांश इलाकों में पानी भर जाने से वहां प्याज समेत सभी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इसलिए उज्जैन के प्याज की वहां डिमांड बढ़ गई है।