नई दिल्ली। कोरोना वायरस के अलग और ताकतवर वेरिएंट्स पर वैक्सीन के बेअसर होने की आशंका के बीच एम्स चीफ डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया है। डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि संभवतः कोविड की दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराकें मिलाने से इसका असर बढ़ सकता है और यह अलग वेरिएंट्स से लड़ने में कारगर हो सकता है।
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान एम्स चीफ ने कहा कि कोरोना की दो वैक्सीन को मिक्स करने से यह निश्चित संभावना है कि यह डेल्टा और डेल्टा प्लस जैसे अधिक संक्रामक वेरिएंट्स को रोकने में कारगर हो। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले अभी और डेटा की जरूरत है।
बीते महीने ही सरकार ने अपनी नई वैक्सीन नीति के तहत इसका जिक्र किया था कि अब दो अलग-अलग टीकों की खुराकों को देने पर शोध किया जाएगा। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘शुरुआती स्टडी कहती है कि यह एक विकल्प हो सकता है…लेकिन हमें और डेटा की जरूरत है। कौन से दो टीके मिलाने से अच्छे परिणाम मिलेंगे यह शोध का विषय है…लेकिन इससे असर बढ़ने की निश्चित संभावना है।’
बीते हफ्ते ब्रिटेन में टीके की दो खुराकों को मिलाने को लेकर शोध किया गया था। द लांसेट में छपे इस शोध के मुताबिक, इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों को पहले एस्ट्राजेनेका (कोविशील्ड) की खुराक दी गई और बाद में फाइजर की डोज दी गई, जो अभी भारत में नहीं आई है। टीका लेने के बाद लोगों में हल्के साइड इफेक्ट्स देखे गए। हालांकि, इससे टीके का असर कितना बढ़ा, इसको लेकर अभी तक डेटा आने बाकी हैं।
डॉक्टर गुलेरिया ने डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ टीके के बेअसर होने की आशंका को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि म्यूटेटिड स्ट्रेन में टीके को बेअसर करने की क्षमता है, यह साबित करने लिए अभी और डेटा की जरूरत है।
उन्होंने टीकाकरण की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि अगर आपने दोनों खुराके ले ली हैं और वायरस के संपर्क में आते हैं, तो संभव है आप संक्रमित हो जाएं लेकिन इसकी गंभीरता बहुत कम होगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ही बताया है कि देश के 11 राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 केस हैं। माना जा रहा कि डेल्टा प्लस के कारण ही भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। हालांकि, डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी जितनी ही खतरनाक हो, इसकी संभावना कम है।