जूता चप्पल 4 नंबर गेट पर उतारेंगे, वापसी में इसी द्वार के निर्गम गेट से मिलेंगे, लड्डू काउंटर भी होगा शुरू
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर 70 दिन के बाद एक बार फिर आम श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहा है। मंदिर प्रशासन ने इसके एक दिन पूर्व पूरी तैयारी कर ली है। कियोस्क सेंटर भी खोला गया है। यहीं से वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट देखने के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
वहीं 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट काउंटर को भी लगाया गया है। यहां से टिकट लेने के बाद श्रद्धालु बेरिकेड्स में प्रवेश कर मंदिर में प्रवेश कर पाएगा। जूता चप्पल स्टैंड भी उसको चार नंबर गेट पर ही मिल जाएगा। यहां पर उतारने और वापस लेने की व्यवस्था भी मंदिर प्रशासन ने की है।
जानकारी के अनुसार बड़ा गणेश मंदिर के सामने की पट्टी पर कियोस्क सेंटर खोला गया है। यहां पर कम्प्यूटर आपरेटर आनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं का वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट अथवा आरटी पीसीआर रिपोर्ट देखेगा। आपरेटर श्रद्धालु को एक पर्ची बनाकर देगा जिसको चार नंबर गेट पर दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि कियोस्क सेंटर के पास ही 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट काउंटर भी लगा दिया गया है। यहां से श्रद्धालु 250 रुपए का टिकट खरीदेगा और कियोस्क सेंटर पर अपना वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट दिखाएगा। इसके बाद ही उसको आगे जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
चार नंबर गेट से लेकर बड़ा गणेश मंदिर की सामने वाली पट्टी तक रविवार को बेरिकेड्स लगा दिए गए थे। इसी बेरिकेड्स के अंदर से श्रद्धालु होता हुआ चार नंबर गेट तक पहुंच पाएगा।
श्रद्धालुओं के जूता चप्पल की व्यवस्था
श्री जूनवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं के जूता चप्पल उतारने और रखने की भी मंदिर प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं के जूते चप्पल 4 नंबर गेट पर प्रवेश के बाद उतरवा लिए जाएंगे। इसके बाद जब श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद वापस आएगा तो इसी गेट के निर्गम द्वार पर उसको जूते चप्पल वापस मिल जाएंगे। यहीं पर लगे लड्डू काउंटर से श्रद्धालु प्रसाद लेकर वापस अपने गंतव्य की ओर चला जाएगा।
बच्चों और नियमित श्रद्धालुओं का क्या होगा
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में इस बात पर निर्णय नहीं लिया गया कि परिवार के लोग अपने साथ छोटे बच्चों को भी लेकर आएंगे। छोटे बच्चों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। केवल 18 प्लस वाले युवाओं का ही वैक्सीनेशन हो पाया है। ऐसी स्थिति में बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा अथवा नहीं।
कई श्रद्धालु अपने परिचितों और पंडे पुजारियों से इस बारे में पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन निर्णय स्पष्ट नहीं होने के कारण वे किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। वहीं नियमित श्रद्धालुओं के बारे में भी मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में प्रवेश को लेकर निर्णय नहीं हुआ है।
नियमित श्रद्धालु भी बेसब्री से भगवान महाकाल के द्वार खुलने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में आज विवाद की स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।