पुलिस विभाग पिछले लंबे समय से लॉकडाउन की व्यवस्थाओं में जुटा था। मुस्तैदी से लोगों को घर में सीमित रखने में सफल रहा पुलिस विभाग अब लॉकडाउन के झंझट से मुक्त हो गया है। प्रदेश में सभी तरह का लॉकडाउन अब समाप्त हो गया है। अब पुलिस को अपने मूल काम सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाने पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी हो गया है।
क्योंकि पिछले कुछ दिनों से चोरी, लूट और हत्या आदि के गंभीर अपराधों में बढ़ौत्तरी हुई है। लॉकडाउन के कारण काम-धंधे बंद होने से बेरोजगार लोग अब अपराधों की ओर रुख कर रहे हैं। छोटी-मोटी चोरी जिसे उठाईगिरी भी कहा जा सकता है, ऐसी घटनाओं में बढ़ौत्तरी हुई है। कोरोना और लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से मानसिक परेशान व्यक्ति भी कई तरह के अपराधों को अंजाम दे रहा है।
कोरोनाकाल में पैरोल पर जेल से बाहर आए अपराधी भी आपराधिक घटनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। चोरी-लूट के छोटे-मोटे मामले जैसे मोबाइल लूट, पर्स लूट, रुपए छीनना आदि घटनाओं की तो पुलिस मुकदमा भी दर्ज नहीं कर रही है, सिर्फ आवेदन लेकर फरियादी को चलता कर रही है। ताकि अपराधों का रिकार्ड नहीं बढ़े। लॉकडाउन की ड्यूटी से पूरी तरह फ्री हो चुकी पुलिस को अब सुरक्षा व्यवस्था की कमान मुस्तैदी से संभालना जरूरी है ताकि कानून व्यवस्था बेहतर रूप से कायम हो सके।