कटाई करने वालों में कार्रवाई का भी खौफ नहीं
बेरछा। क्षेत्र में बीते तीन दिनों में लगभग आधा दर्जन हर पेडों पर बगैर अनुमति कुल्हाड़ी चली है। खास बात यह है कि एक पेड़ का पंचनामा बनाने के बाद राजस्व अमले के मुंह फेरते ही खेत मालिक ने बाकी पेड़ भी बेखौफ होकर काट दिए।
राजस्व विभाग से के अनुसार स्थानीय सोसायटी के समीप मंडी-ग्राम मेन रोड पर एक नीम और पाँच ईमली के हरे-भरे पेड़ काटें गए। रविवार सुबह 8 बजे पेड़ काटने की सूचना राजस्व विभाग को मिली। जिसका पटवारी प्रकाश चौहान ने पंचनामा भी बनाया। तब मात्र एक ही हरा पेड़ काटा गया था। पंचनामा बनाने वाली राजस्व विभाग की टीम के रवाना होते ही खेत मालिक ने शासन के सारे नियम को ताक पर इमली के पांच और पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला दी।
छुट्टी के दिन में कटाई ज्याद
सरकार ने नए मकान की अनुमति देने के पूर्व अनिवार्य रूप से एक पौधा लगाने के निर्देश दिए थे। प्रशासन की अनदेखी के चलते मकानों के निर्माण के पूर्व पौधे तो नहीं लग रहे बल्कि मकान-दुकान निर्माण के नाम पर हरे पेड़ो को धड़ल्ले से काट रहे है। वहीं मंडी क्षेत्र में एक कालोनी में भी आधा दर्जन पेड़ खेत मालिक द्वारा बिना अनुमति काट दिए है। क्षेत्र के आसपास के आधा दर्जन से अधिक ग्रामों में हरे-भरे पेड़ो पर कुल्हाड़ी चलने लोग बाज नहीं आ रहे है। यह पेड़ कटाई के मामले शनिवार और रविवार छुट्टी के दोनों में विशेष रूप से निकल कर आते है।
राजनीतिक संरक्षण के चलते कटाई
केंद्र व राज्य सरकार पौधा रोपण करने को बढ़ावा दे रही है तो दूसरी ओर क्षेत्र में राजनीति संरक्षण मे पेड़ों की कटाई तिलावद, रंथभँवर, देदला, मालीखेड़ी सहित बेरछा में धड़ल्ले से हो रही है। कई बार राजनीतिक पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियो के संरक्षण हस्तक्षेप के चलते अधिकारी चाह कर भी ठोस कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। यही नही विभाग के छोटे कर्मचारी उच्च अधिकारी को बिना बताये ही चंद रूपयों के लालच में गुपचुप ही हरे भरे पेड़ों को कटवा देते है। विशेष कर रात या शनिवार व रविवार अवकाश के दिनों में ऐसा होता है।
जिम्मेदारों का कहना
पूर्व में देंदला का एक प्रकरण तथा तीन प्रकरण सोमवार को तिलावद गोविंद, रंथभँवर व बेरछा के बनाकर अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय भेजे गए। सूचना मिलने पर आगे भी कार्यवाही की जाएगी। – ब्रजेश मालवीय, नायब तहसीलदार, बेरछा