अर्जुनसिंह चंदेल गणेश रेस्टोरेन्ट में मनमाफिक अदरक चाय मिल जाने पर शरीर में नयी ऊर्जा का संचार हो गया थोड़ी गुफ्तगू के बाद बाहर निकले इस बीच हमारा वीडियो कोच भी हमें लेने आ गया था। शाम के 5 बज चुके थे महिलाएँ भी छोटी-मोटी खरीदी कर वापस आ गयी […]

अर्जुनसिंह चंदेल ड्रायवर से गहन तथा लम्बी पूछताछ के बाद सभी यात्रियों को अपने-अपने पासपोर्टों के साथ कोच से नीचे उतरने का निर्देश दिया गया। रात को 3 बजे का समय हाइवे पर सभी लोग 3-4 डिग्री ठंड में खड़े हुए थे। जर्मनी पुलिस ने सभी के पासपोर्ट अपने पास […]

अर्जुनसिंह चंदेल हवाई जहाज से एरोब्रिज के माध्यम से पूरी धरती के सबसे खुशहाल देश फिनलैंड के हेलसिंकी एयरपोर्ट के अंदर पहुँचे, बाहर का नजारा बेहद खूबसूरत और रोमांटिक था। जिस बर्फबारी को देखने के लिये भारतीय पर्यटकों को जेब के हजारों रुपये खर्च करके कश्मीर और हिमाचल जाना पड़ता […]

अर्जुनसिंह चंदेल यूरोपियन पाउडर कोटिंग प्रदर्शनी जो कि तीन दिन 27-28-29 मार्च को जर्मनी के नर्यूमबर्ग शहर में आयोजित की गयी थी उसमें भाग लेने वाले 48 भारतीयों के दल में सौभाग्य से मैं भी शामिल था। दल के कुछ सदस्यों को 27 मार्च को दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद से फ्लाईट […]

अर्जुन सिंह चंदेल विक्रमोत्सव के लिये हमारी कालजयी नगरी उज्जयिनी में पधारे कुमार विश्वास मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा दौरान अमर्यादित हो गये। 100 वर्ष पुराने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को अनपढ़ और वामपंथियों के लिये कुपढ़ जैसे शब्दों का प्रयोग कर बैठे। विवादित टिप्पणी के बाद देशभर […]

प्रसिद्ध शायर बशीर भद्र का यह शेर इन दिनों मेरे शहर उज्जैन पर बिल्कुल प्रासंगिक साबित हो रहा है-“कडक़ड़ाती सर्दी भरा दिसंबर गरीबों पर कहर बनकर टूटा है।” वर्षों से विनोद मिल की चाल में रहने वाले के बेघर होने का दर्द लोग भूल भी नहीं थे कि सरकार का […]

भारत के परिपक्कव हो चुके 75 वर्षीय लोकतंत्र के जागरूक भारतीय मतदाताओं ने देश के राजनैतिक दलों को ऐसी चोट दी है कि ना उनसे रोते बन रहा है ना ही हँसते। देश के दो प्रमुख राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी एवं काँग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी को […]

138 वर्ष पुरानी काँग्रेस पार्टी जिसकी देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी वर्तमान में शायद सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। यदि यह कहा जाए कि राजनैतिक रूप से वह वेन्टीलेटर पर होकर गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। किसी समय पूरे […]

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और सरदार पटेल की कर्मभूमि रहे गुजरात का इतिहास पाषाण युग की बस्तियों के साथ शुरू होता है। भूतकाल में इसे गुर्जर प्रदेश के नाम से जाना जाता था। छठीं शताब्दी से लेकर 12वीं सदी तक यहाँ गुर्जर राजाओं का राज रहा है इस कारण इसका नाम […]

जहाँ घटने थे फासले सिमटनी थी दूरियां वहीं कैसे समां गयी हंसती-खेलती जिंदगियां… 30 अक्टूबर की मनहूस शाम गुजरात के मोरबी जिले की 134 हंसती- खेलती जिंदगियों को लील गयी। दुर्भाग्य की बात यह है कि मृतकों में अधिकांश अबोध बच्चे और महिलाएं थी। 4 हजार 872 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल […]