📍उज्जैन , अग्निपथ। महाकाल मंदिर में दोहरे नियमों की पोल एक बार फिर खुल गई है! शनिवार को गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध के बावजूद 8-10 लोगों ने अंदर जाकर न सिर्फ भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया, बल्कि पुरोहितों ने बाकायदा तिलक कर विशेष पूजन भी कराया। महाकाल मंदिर में फिर VIP एंट्री का खेल फिर
इस बीच आम श्रद्धालु, जो 100 फीट दूर बैरिकेड्स के पीछे खड़े थे, आक्रोश से भर उठे। भीड़ में गुस्से की फुसफुसाहटें गूंजने लगीं, लेकिन सवाल यह है – क्या महाकाल के दरबार में भी VIP तंत्र का दबदबा चलता रहेगा?
सवालों में मंदिर समिति, अब करेगी “जांच”
इस घटना के बाद मंदिर प्रबंध समिति के उप प्रशासक एस.एन. सोनी ने दावा किया कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि कोई गर्भगृह में गया। अब कहा जा रहा है कि “जांच कर पता लगाया जाएगा।” लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या हर बार जांच के नाम पर मामला रफा-दफा होता रहेगा?
महाकाल मंदिर गर्भगृह में “VIP दर्शन” – कोई नई बात नहीं!
ये पहली बार नहीं है जब मंदिर में नियमों की धज्जियाँ उड़ी हों। पिछले कुछ सालों में कई नेता, अफसर और उद्योगपति नियमों को ताक पर रखकर गर्भगृह तक पहुँच चुके हैं। देखें कुछ प्रमुख घटनाएँ:
- 12 मार्च 2024 : रंगपंचमी पर BJP नेता गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में प्रवेश किया। तस्वीरें वायरल हुईं, और मंदिर समिति जांच रिपोर्ट बनाकर शांत हो गई।
- 5 अप्रैल 2024 : BJP महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला गर्भगृह में ध्यान लगाते दिखे। उस दौरान शहर में शिव महापुराण कथा थी और आम भक्तों के लिए गर्भगृह बंद था।
- 1 दिसंबर 2024 : एडिशनल एसपी जयंत राठौर और गुरुप्रसाद पाराशर ने भी नियम तोड़े। सोला पहनकर गर्भगृह में पूजा की, और मंदिर समिति ने फिर वही घिसी-पिटी जांच की बात कह दी।
- 8 जुलाई 2024 : महेंद्र सिंह, भाजपा के संगठन प्रभारी, और उनकी पत्नी की पूजा की तस्वीरें सामने आईं, जिससे पंडित-पुजारी तक नाराज हो उठे।
- 10 अगस्त 2024 : विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा के जन्मदिन पर महाकालेश्वर गर्भगृह में VIP पूजा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।
- 19 अगस्त 2024 : BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा, उज्जैन और देवास के अध्यक्ष, और कार्यसमिति सदस्यों ने सावन के अंतिम सोमवार को पूजा की। कांग्रेस ने जमकर सवाल उठाए।
- फरवरी 2025 : कल्याणी ग्रुप के अरबपति प्रमुख बाबासाहेब कल्याणी और उनकी पत्नी ने लगभग 10 मिनट तक गर्भगृह में पूजन किया। उनके साथ कई संत-महात्मा भी थे।
गर्भगृह में आम श्रद्धालु प्रवेश से वंचित क्यों?
ध्यान देने वाली बात यह है कि 4 जुलाई 2023 से गर्भगृह में आम भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। सावन की भीड़ को देखते हुए यह फैसला लिया गया था, लेकिन 2 साल बीत गए, अब भी पाबंदी जारी है। सिर्फ मुख्यमंत्री, राज्यपाल, VIP मेहमान और कुछ चुनिंदा पंडित-पुजारी ही अंदर जा सकते हैं।
बाकी सभी श्रद्धालुओं को 100 फीट दूर से महाकाल के दर्शन करने होते हैं।
क्या महाकाल सिर्फ VIP भक्तों के भगवान हैं?
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क्यों आम श्रद्धालु दो साल से शिवलिंग के पास नहीं जा सकते?
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क्यों हर बार VIP की एंट्री पर “जांच” का नाटक होता है?
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क्या मंदिर समिति ने VIP लिस्ट बना रखी है?
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