उज्जैन, अग्निपथ। गुरुवार को कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने उज्जैन के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए मेडिसिटी निर्माण कार्य, चरक भवन और माधव नगर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरे का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लेना था।
कलेक्टर ने सबसे पहले मेडिसिटी पहुँचकर वहाँ मेडिकल कॉलेज और मेडिकल हॉस्पिटल में चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि मेडिकल कॉलेज की रिटेनिंग वॉल का निर्माण पूरा हो चुका है, और बेसमेंट का काम तेजी से चल रहा है।
मेडिकल हॉस्पिटल की रिटेनिंग वॉल का कार्य भी प्रगति पर है। कलेक्टर सिंह ने निर्माण एजेंसी बीडीसी को निर्देश दिए कि मेडिसिटी का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से और 15 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। उन्हें जानकारी दी गई कि मेडिसिटी के मेडिकल कॉलेज ब्लॉक का ग्राउंड लेवल का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है।
माधव नगर अस्पताल में ओपीड़ी काउंटर बढ़ाने के निर्देश
इसके बाद, कलेक्टर श्री सिंह ने माधव नगर अस्पताल का निरीक्षण किया और चिकित्सकों तथा स्टाफ की जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि यहाँ प्रत्येक मरीज को प्रतिदिन 3 लीटर बॉटल्ड आरओ का पेयजल निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने माधव नगर अस्पताल के निर्माणाधीन 100 बेड के नए भवन की प्रगति का भी अवलोकन किया और समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यहाँ ओपीड़ी काउंटर्स बढ़ाए जाने के निर्देश दिए और अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर सिंह ने माधव नगर अस्पताल परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम अभियान’ के अंतर्गत पौधारोपण भी किया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. संगीता पलसानिया, सहायक अस्पताल प्रबंधक श्रीमती वर्षा चौहान, आरएमओ डॉ. चिन्मय चिंचोलिकर और अन्य अधिकारीगण व मेडिकल स्टाफ उपस्थित था।
ड्यूटी चार्ट प्रदर्शित करें और बेडशीट प्रतिदिन बदलें
कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि ओपीड़ी की ड्यूटी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता का ड्यूटी चार्ट प्रतिदिन बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए, ताकि उपचार के लिए आने वाले मरीजों को जानकारी मिलती रहे। शिशु वार्ड के निरीक्षण के दौरान, कलेक्टर सिंह ने शिशुओं को दिए जाने वाले भोजन के बारे में परिजनों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बच्चों के परिजनों से पूछा कि उन्हें समय पर भोजन मिल रहा है या नहीं।
कलेक्टर ने वार्ड की बेडिंग नियमित रूप से बदलने और उसकी प्रतिदिन के अनुसार कलर कोडिंग करने को कहा। उन्होंने स्टाफ को निर्देश दिए कि सभी प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज कराएँ। सभी सुविधाओं को एकीकृत किया जाए और रखरखाव से संबंधित कार्यों को समय सीमा में पूरा किया जाए।
जनऔषधि केंद्र होगा शुरू, मरीजों के परिजनों से की बात
इसके पश्चात, कलेक्टर श्री सिंह ने चरक भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, मीडियाकर्मियों ने उन्हें अवगत कराया कि यहाँ का रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित जनऔषधि केंद्र विगत 2 माह से बंद पड़ा हुआ है। इस पर उन्होंने एक-दो दिन में जनऔषधि केंद्र शुरू करने की बात कही। उनका कहना था कि फार्मासिस्ट का चयन कर लिया गया है। बताया जाता है कि इसी दिन रेडक्रॉस सोसाइटी समिति के 11 सदस्यों ने एक बैठक कर जनऔषधि केंद्र को शीघ्र खोले जाने पर भी विचार-विमर्श किया।
श्री सिंह ने इसके साथ ही दवाई वितरण केंद्र, पंजीयन केंद्र, शिशु वार्ड, ईसीजी, ओपीड़ी, आकस्मिक चिकित्सा वार्ड, नेत्र परीक्षण वार्ड, दंत चिकित्सा वार्ड, फिजियोथेरेपी वार्ड, सामान्य वार्ड और कंट्रोल सेंटर का अवलोकन कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर सिंह ने मरीजों के परिजनों से चर्चा की और उनसे पूछा कि उन्हें पंजीयन तथा निःशुल्क दवाई उपलब्धता में किसी भी तरह की कोई समस्या तो नहीं है।
जन्म प्रमाण डिस्चार्ज से पहले बनाकर दिए जाएँ
कंट्रोल सेंटर के निरीक्षण के दौरान, कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सेंटर से हॉस्पिटल में चल रही गतिविधियों की सतत निगरानी की जाए। सेंटर में सुरक्षाकर्मी हमेशा मौजूद रहें। बताया गया कि निगरानी के लिए पूरे अस्पताल में 44 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो सदैव कार्यरत रहते हैं। कलेक्टर सिंह ने सिविल सर्जन डॉ. संगीता पलसानिया को निर्देशित किया कि जितने भी संस्थागत प्रसव हो रहे हैं, उन सभी प्रकरणों में जन्म प्रमाण पत्र जच्चा-बच्चा के अस्पताल से डिस्चार्ज से पहले अनिवार्यतः बनाकर दिए जाएँ। अगर पंजीयन केंद्र में कोई काउंटर खाली है, तो वहाँ भी पर्चें बनाए जाएँ, ताकि मरीजों के परिजनों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि अस्पताल में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए और रखरखाव संबंधी कार्य भी समय पर संचालित किए जाएँ।
