उज्जैन में जल संकट गहराया: गंभीर डैम में सिर्फ 18 दिन का पानी शेष, नर्मदा लिंक परियोजना अधर में!

उज्जैन में जल संकट गहराया गंभीर डेम

उज्जैन, अग्निपथ। एक ओर जहाँ मानसून प्रदेश के अन्य जिलों को जलमग्न कर रहा है, वहीं उज्जैन अब भी प्यासा है। गंभीर डैम खाली पड़ा है, और इसमें शहर की सात लाख आबादी की प्यास बुझाने के लिए मात्र 18 दिन का पानी शेष बचा है।

उज्जैन में जल संकट की यह भयावह स्थिति तब है, जब शहर में पिछले चार माह से एक दिन छोड़कर जल प्रदाय हो रहा है। यदि में जल्द ही अच्छी बारिश नहीं हुई, तो जल संकट और गहरा सकता है। इसके चलते नगर निगम की जलकार्य समिति प्रभारी ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही नर्मदा का जल उज्जैन लाने का इंतजाम नहीं किया गया, तो नगर के लोगों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ेगा।

उज्जैन को अभी भी झमाझम बारिश का इंतजार है। यदि जल्द बारिश नहीं हुई, तो जल संकट गहरा सकता है। शहरवासियों को पहले से ही एक दिन छोड़कर जल आपूर्ति हो रही है। यदि गंभीर डैम का पानी खत्म हुआ, तो शहर में गंभीर जल संकट पैदा हो जाएगा।

ज्ञात हो कि शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम अंबोदिया में गंभीर डैम है, जहाँ से शहर में पानी की आपूर्ति होती है। डैम की क्षमता 2250 एमसीएफटी की है, और वर्तमान में डैम में केवल 209.664 एमसीएफटी पानी बचा है। इसमें से 100 एमसीएफटी पानी (डेड स्टोरेज) उपयोग नहीं किया जा सकता। ऐसे में, अब नगर निगम और शहरवासियों को गंभीर जल संकट की आहट सुनाई दे रही है।

 

दो साल पहले नर्मदा-गंभीर पाइपलाइन जोड़ने की थी योजना, पर अटकी!

 

इधर, जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा का कहना है कि दो साल पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना का भूमिपूजन किया था। नर्मदा के पानी को गंभीर पाइपलाइन से जोड़ने की भी तैयारी हो गई थी। आदि एका कंपनी ने इसे अपने हाथ में ले भी लिया था, और पाइप भी आ गए थे, जो आज तक चिंतामन ब्रिज के नीचे रखे हुए हैं। यहीं से गंभीर की पाइपलाइन से जोड़ा जा सकता है, लेकिन यह योजना हवा-हवाई हो गई। हालांकि, ब्रिज चौड़ा हो गया है, इसलिए पाइपलाइन को घुमाकर लाए जाने की जरूरत रहेगी। नर्मदा की पाइपलाइन जुड़ने के बाद पानी सीधे घूघाघाट प्लांट पर आ जाएगा, और यहाँ से पेयजल आसानी से प्रदाय किया जा सकता है। 100 एमसीएफटी पानी, जो कि डेड स्टोरेज में पड़ा हुआ है, इसको भी चैनल कटिंग कर उपयोग में लिया जा सकता है, जो कि 5 दिनों तक शहर में पेयजल प्रदाय के लिए पर्याप्त रहेगा।

प्रकाश शर्मा ने जोर देकर कहा कि बिना नर्मदा के पानी के उज्जैन शहर का उद्धार नहीं हो सकता, क्योंकि उज्जैन अब मैरिज हब के साथ ही पर्यटन स्थल भी बन चुका है, जहाँ पर पानी की अधिक आवश्यकता रहेगी।

इनका कहना है: “मैं कलेक्टर-निगम आयुक्त से गुजारिश करता हूँ कि नर्मदा-गंभीर पाइपलाइन को शीघ्र जोड़ा जाए।” प्रकाश शर्मा, जलकार्य समिति प्रभारी

Next Post

उज्जैन में अपराध की दो खबरें: प्रेम प्रसंग में युवक को पीटा, घरेलू विवाद में पत्नी पर हमला

Thu Jul 24 , 2025
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि देखने को मिल रही है। नागझिरी और चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्रों से दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं, जहाँ एक युवक को प्रेम प्रसंग के चलते बेरहमी से पीटा गया, वहीं दूसरे मामले में एक पति ने मामूली विवाद में अपनी पत्नी […]

Breaking News