महिदपुर में भाजपा के बागियों ने बजाया बगावत का बिगुल

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एक तिहाई वार्डों में बिगाड़ सकते हैं समीकरण

महिदपुर, अग्निपथ। जैसे-जैसे नगर पालिका चुनाव के लिए मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे नगर के मुख्य बाजार, चौराहों के साथ-साथ गली मोहल्लों व बस्तियों तक में चुनावी माहौल गरमाने लगा है। 18 वार्डों वाली नगर पालिका में कुल 57 प्रत्याशी चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के बीच दिखाई दे रहा है। वही 21 प्रत्याशियों ने निर्दलीय रूप से चुनावी रण में उतर कर मुकाबले को रोचक बना दिया है।

वैसे तो लंबे अरसे से महिदपुर नगर पालिका पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा बना हुआ है। लेकिन इस बार अध्यक्ष पद का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होकर निर्वाचित पार्षद ही अध्यक्ष चुनेंगे। ऐसे में शुरुआती दौर में राजनीतिक विश्लेषक यही कयास लगा रहे हैं कि इस बार नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर भाजपा खेमे की महिला पार्षद काबीज हो सकती है। लेकिन अनुशासन का दंभ भरने वाली भाजपा में इस चुनाव में जिस तरह से बागी प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं, उससे लगभग एक तिहाई वार्डों के समीकरण बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं।

भाजपा में दिखी बड़ी बगावत

महिदपुर नगर पालिका के चुनावी इतिहास में पहली बार भारतीय जनता पार्टी में इतने बड़े पैमाने पर बगावत दिखाई दे रही है। इस चुनावी रण में नगर के एक तिहाई वार्डों में भाजपा के बागियों ने मजबूती के साथ मैदान पकड़ रखा है। उससे भाजपा की आसान राह मुश्किल भरी होती दिखाई दे रही है। नगर के वार्ड क्रमांक 1 में भाजपा किसान मोर्चा नगर अध्यक्ष अर्जुन सिंह ठाकुर, वार्ड क्रमांक 3 में पूर्व पार्षद प्रतिनिधि संतोष मालवीय, वार्ड क्रमांक 6 में पूर्व पार्षद एवं पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष विकास यादव, वार्ड क्रमांक 12 में पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के कर्मठ नेता ओमप्रकाश सोलंकी, वार्ड क्रमांक 16 में पूर्व नपा उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंडल अध्यक्ष कैलाश राठी, इसी प्रकार वार्ड क्रमांक 5 व 6 में पूर्व नपा अध्यक्ष बाबूलाल परमार की पुत्रवधू एवं पुत्र ये सभी अपने-अपने वार्डों में भाजपा कार्यकर्ताओं की टोलीयों के साथ रात दिन चुनाव प्रचार अभियान में अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों की उम्मीदों पर विराम लगाने में जुटे हुए हैं।

मुक्त सीटों पर अतिक्रमण ने बिगाड़े समीकरण

18 वार्डों वाली नगर पालिका परिषद में नियमानुसार वैसे ही 50त्न यानी 9 वार्ड महिलाओं के लिए व एक तिहाई यानी 6 वार्ड ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। लेकिन भाजपा की प्रत्याशी चयन समिति ने आरक्षित सीटों के अतिरिक्त अनारक्षित मुक्त सीटों पर अतिक्रमण करके 11 वार्डों में महिलाओं को 9 वार्डो में ओबीसी वर्ग को प्रत्याशी बना दिया। साथ ही एक दो वार्ड में बाहरी वार्ड का प्रत्याशी थोपने पर भी बगावत दिखाई दी। भाजपा में असंतोष का बड़ा कारण आसमान टिकट वितरण भी रहा है।

सामने आई संगठन की लाचारी

भारतीय जनता पार्टी में टिकट वितरण से असंतुष्ट अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी परिवर्तन की आस में नामांकन पत्र दाखिल कर दिए थे, लेकिन भाजपा जैसी केडर वाली पार्टी में संगठन की मजबूरी कहें या लाचारी कि संगठन के वरिष्ठ नेताओं ने बागियों को नाम वापसी के लिए मनाने हेतु इमानदारी से सार्थक प्रयास ही नहीं किए। नतीजतन नगर में 6 – 7 वार्डों में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियो के खिलाफ असंतुष्ट भाजपाई ही चुनौती देने हेतु बगावत का झंडा थामे हुए हैं।

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