अर्जुन सिंह चंदेल गतांक से आगे मैं इंटेकवेल से जलशोधन संयंत्र (फिल्टर प्लांट) की ओर जाने के लिये निकलने ही वाला था कि किसी की कराहते हुए आवाज आयी ‘बेटा रुको’ मेरे पैर ठिठक गये कि सुनसान इंटेकवेल में यह किसकी आवाज है। देखने पर तो कुछ दृष्टिगोचर नहीं हुआ […]