उज्जैन। सब्जी मंडी में सब्जी व्यापारियों और आलू, लहसुन के व्यापारियों के बीच विवाद बढ़ गया है। दोनों पक्ष अपनी -अपनी मांग को लेकर अड़ गए हैं। आलू, लहसुन व्यवासियों ने सब्जी व्यापारियों को पूर्व में तय स्थान पर बैठाने को लेकर पत्र लिखा है।
इसमें आग्रह किया गया है कि हमें एक स्थान आवंटित किया जाए। ताकि व्यापार करने में आसानी हो। वहीं सब्जी व्यापारियों का कहना है कि आलू, लहसुन प्याज वालों ने मंडी के शेड में स्थान बांट लिए हैं। इससे उन्हें जगह नहीं मिल पाती है। अब व्यापार करना कठिन हो गया है।
बारिश में ज्यादा परेशानी होती है। सुबह सब्जी वालों ने नाराजगी जताई थी। दिन में आलू, लहसुन प्याज के व्यापारियों ने अनिश्चित कालीन बंद का पत्र दे दिया है। बताया जाता है कि सांसद और विधायक तक दोनों पक्ष पहुंच गए थे। इससे मामला और बढ़ गया है।
बैठक रही बेनतीजा
दोनों पक्षों के बीच तनाव बढऩे के बाद मंडी समिति के कार्यालय में दोनों पक्षों को बुलाया गया था। इसमें सब्जी व्यापारियों की तरफ से ओम पहलवान, पप्पू लश्करी आदि पहुंचे थे, वहीं आलू, लहसुन वालों की तरफ से ओम प्रकाश हारोड, दीपक पमनानी, हरीश आदि पहुंचे थे। दोनों पक्षों किसी बात पर सहमत नहीं हो पाए थे। इसके बाद मंडी समिति ने फिर से दोनों पक्षों को आपसी सहमति से फैसला लेने के निर्देश दिए हैं।
आज हम्मालों की रेट बढ़ाने को लेकर बैठक
हम्माल यूनियन की मांग पर मंडी में मंगलवार को 12.30 बजे मंडी कमेटी की उप समिति की बैठक विधायक रामलाल मालवीय की अध्यक्षता में होगी। इसमें हम्माल यूनियन और अनाज तिलहन संघ के व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारी चर्चा करके नई दर पर फैसला लेंगे। इसी बैठक में सब्जी व्यवसायियों की समस्या पर भी चर्चा होगी।
आलू, लहसुन और प्याज के व्यापारियों को एक स्थान दिया जाए। ताकि व्यापार किया जा सकें। सब्जी व्यापारियों को पूर्व की तरह अंदर बैठने के निर्देश दिए जाएं। अगर फैसला नहीं लिया गया तो आलू,प्याज, लहसुन की मंडी को अनिश्चित काल के लिए सात तारीख से बंद कर दिया जाएगा।
दीपक पमनानी, आलू, प्याज, लहसुन व्यापारी एसोसिएशन सचिव
पुराने शेड में बारिश के दौरान पानी भर जाता है। कीचड़ होने से सब्जी खराब हो जाती है। पार्किंग का स्थान नहीं होने से वाहन पार्क भी नहीं हो पाते हैं। किसान और खरीदार भी परेशान होते हैं। इसलिए हमें नवीन शेड में सब्जी बेचने के लिए स्थान दिया जाए। – किसान, सब्जी विक्रेता और किसान