कभी कांग्रेस पार्टी के मुख्य चेहरा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के आंख के तारे बने हुए हैं। इसमें कोई शक नहीं की कांग्रेस पार्टी की जीत में ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया की महत्वपूर्ण भूमिका थी। किन्तु अब समय परिवर्तित हो गया है। इसके बाद भी सिंधिया में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं आया है। जो भीड़ कांग्रेस के जमाने में सिंधिया के पीछे चलती थी वही भीड़ आज भी पीछे चल रही है। व
हीं सिंधिया की कार्यप्रणाली से कई नेताओं को सबक लेने की जरूरत है। जैसे ही कोरोना का प्रकोप कम हुआ सिंधिया के दौरे शुरू हो गये हैँ। सिंधिया हर उस क्षेत्र में जा रहे हैं। जहां उनके समर्थकों की क्षति हुई है। हर उस परिवार में पहुंच रहे हैं, जहां उनके समर्थकों ने किसी को खोया है। हर उस परिवार के आंसू पोछने जा रहे हैं। जिसने कोरोना में अपने किसी को खोया है।
आने वाले दिनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया का शहर में भी दौरा होने वाला है। निश्चित रूप से यहां पर वह उन सभी समर्थकों के घर जायेंगे जहां कोई खुशी का अवसर आया हो या किसी घर में मौत, मातम या दु:ख छाया हो। ङ्क्षसधिया की यही कार्यप्रणाली उन्हें अन्य नेताओं से अलग करती है। हालांकि ठीक इसी प्रकार की कार्यप्रणाली पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह की भी है।