उज्जैन असिटेंट कमिश्नर बनाया आरोपी को, संभागायुक्त बोले पता करेंगे
उज्जैन,अग्निपथ। करीब चार माह पहले ट्रेप हुई जावरा नगर पालिका सीएमओ का शासन ने तबादला जरूर कर दिया, लेकिन प्रशासन को अब तक आदेश ही नहीं मिला। गुरुवार को यह दावा किया है रतलाम कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने पहले उन्होंने ट्रांसफर से अनभिज्ञता जताई बाद में कमिश्नर संदीप यादव से चर्चा का हवाला देने पर दो दिन में रिलीव करने का कह दिया।
रतलाम स्थित जावरा सीएमओ नीता जैन और राजस्व निरीक्षक विजय सिंह सक्तावत को लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने 12 मार्च को ठेकेदार पवन भावसार से 18500 रुपए लेते रंगेहाथ पकड़ा था। ट्रेप के बाद लोकायुक्त के पत्र पर शासन ने 18 मई को जैन को उज्जैन नगर निगम में असिटेंट कमिश्नर पद पर ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन नियम विरुद्ध होने पर भी न सक्तावत को हटाया गया और न जैन को अब तक रिलीव किया।
मामले में गुरुवार को संभागायुक्त संदीप यादव से चर्चा की तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए पता करने का कहा। कमिश्नर से चर्चा का हवाला देने पर बोले अब तक आदेश नहीं मिला है। लेकिन एक दो दिन में रिलीव कर देंगे। गौरतलब है शासन के नियमानुसार ट्रेप शुदा व्यक्ति को उसी स्थान पर पदस्थ नहीं रखा जा सकता जहां कार्रवाई की गई हो। वजह आरोपी साक्ष्य प्रभावित कर सकता है।
जेल के डर से बदले तेवर
मामले की जांच कर रहे डीएसपी वेदांत शर्मा ने जैन को वाईस टेस्ट के लिए तीन बाद नोटिस भेजा, लेकिन वह आने की बजाए वकीलों के पास पहुंच गई। ऐसी स्थिति में जब उन्हें लोकायुक्त द्वारा जेल तक भेजे जाने की संभावना का पता चला तो वह 13 जुलाई को आई और आवाज का नमूना दिया।
कलेक्टर के ऐसे बदलते गए बयान ..
जैन को रिलीव करने के संबंध में पूछने पर कलेक्टर कुमार पहले बिफर गए। बोले यह उनका काम है क्यां, लेकिन कमिश्रर से चर्चा की जानकारी देने पर बोले अब तक आर्डर नहीं आया। बाद में दो दिन पहले ट्रांसफर की जानकारी मिलने कहा फिर बोले किसी कि पोस्टिंग होने पर हटा देंगे। ऐसे भी जैन का काम अच्छा नहीं है। कुछ देर बाद उन्होंने इस संवाददाता से ट्रांसफर आदेश की कापी भी मांगी जो उन्हें भेज दी।