नई दिल्ली। भारत को बदनाम करने की फिराक में रहने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अब चुनावी रैलियों में भी आरएसएस-मोदी का नाम अलापने लगे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला किया। यहां उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को कश्मीरियों के “ब्रांड एंबेसडर” तक बता दिया।
आरएसएस की विचारधारा भारत के लिए खतरा
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार पीओके के बाग इलाके में पहली चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए खान ने दावा किया कि “भाजपा और आरएसएस की विचारधारा ने भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा किया है क्योंकि इस विचारधारा ने केवल मुसलमानों, बल्कि सिखों, ईसाइयों के अलावा अनुसूचित जातियां तक को निशाना बनाया है।
इमरान ने खुद को बताया “कश्मीरियों के ब्रांड एंबेसडर”
उन्होंने 5 अगस्त, 2019 के बाद से कश्मीर में “अत्याचार” तेज होने का दावा करते हुए, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पीएम मोदी सरकार के फैसले की भी आलोचना की। खान ने आगे सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर “कश्मीरियों के ब्रांड एंबेसडर” होने का दावा करते हुए कहा, पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा है। कुरान का हवाला देते हुए, पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि वह दुनिया भर में कश्मीरियों के मामले को उनके “राजदूत और वकील” के रूप में उठाते रहेंगे। इमरान का यह भाषण 25 जुलाई को पीओके में होने वाले आगामी चुनावों के बीच आया है। बढ़ते कर्ज और खराब आर्थिक रिकॉर्ड के बीच, खान ने अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आर्थिक मॉडल और चीन द्वारा अपनाए गए “ह्यूमेनिटी फर्स्ट” दृष्टिकोण की सराहना की।
क्या बातचीत और आतंक एक साथ चल सकते हैं?
पीएम मोदी और भारत पर इमरान का यह हमला ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान में तालिबान की कार्रवाइयों के संबंध में पाकिस्तान की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और इमरान इससे बच रहे हैं। बल्कि सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने की चिंताओं के बीच भारत के साथ रुकी हुई वार्ता के लिए उन्होंने “आरएसएस की विचारधारा” को दोषी ठहराया। जब एएनआई ने इमरान से पूछा क्या बातचीत और आतंक एक साथ चल सकते हैं। खान ने कहा, “मैं भारत से कहूंगा कि हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं कि हम सभ्य पड़ोसियों की तरह रहें। लेकिन हम क्या कर सकते हैं? आरएसएस की विचारधारा आड़े आ गई है।”