महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु पानी को तरसे, धर्मशाला में टैंकर से पेयजल

आपूर्ति श्रद्धालुओं को तीन कतार में चलाया, वीआईपी श्रद्धालुओं का प्रवेश भस्मारती द्वार से किया

उज्जैन। रविवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में पिछले दिनों की अपेक्षा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर के अधिकारीगण भी व्यवस्थाओं में लगे दिखाई दिए। लेकिन श्रद्धालुओं को सुबह से ही मंदिर में ठंडा पानी भारी गर्मी में नसीब नहीं हो पाया। वीवीआइपी को पानी पिलाने के लिए नगर निगम से टैंकर बुलवाया गया था।

भीड़ बढ़ती देख भस्मारती गेट प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं के लिए शुरू करवा दिया गया है। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन गणपति मंडपम में नहीं हो पा रहा है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन को टूट रही है। रविवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को तो आए लेकिन पानी के लिए तरस गए। मंदिर की आरओ वाटर मशीनों में एक बूंद भी पानी नहीं था।

यहां तक की मंदिर के कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी भी पानी को ढूंढते हुए नजर आए। अधिकारियों को जब इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने केवल वीवीआइपी लोगों के लिए नगर निगम का टैंकर बुलाकर महाकाल धर्मशाला मेंं व्यवस्था कर दी। लेकिन मंदिर परिसर सहित अन्य जगहों पर श्रद्धालु पानी की एक बूंद को शाम तक तलाशते नजर आए। लेकिन उनको भारी गर्मी और उमस में पानी नसीब नहीं हो पाया। पानी की यह किल्लत विगत एक पखवाड़े से मंदिर में देखी जा रही है। वहीं इस भीषण गर्मी और उमस में मंदिर प्रशासन अन्य दिनों में श्रद्धालुओं को ठंडा पेयजल की जगह गर्मी पानी पिलवा रहा है।

तीन कतार में घुमाकर दर्शन

रविवार को मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी के निर्देश के पश्चात सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिंघी ने गणपति मंडपम में दर्शन व्यवस्था को बदलते हुए श्रद्धालुओं को घुमाकर 3 कतार में चलवा कर दर्शन करवाए और पहली और दूसरी कतार में नहीं ले जाते हुए उनको सीधे यहां से बाहर निकालने की व्यवस्था करवाई। मंदिर में तीन पाटले लगाए गए थे। लेकिन दर्शन व्यवस्था बदलने के बाद केवल 2 पाटले लगाकर श्रद्धालुओं को दर्शन व्यवस्था सुनिश्चित करवाई गई।

लड्डू प्रसाद की किल्लत

शनिवार, रविवार और सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। हर बार जल्दी ही लड्डू प्रसाद समाप्त हो जाता है और श्रद्धालु खाली हाथ मंदिर से अपने घर लौट जाते हैं। लेकिन इसका दायित्व संभालने वाले अधिकारी ने आज तक इस पर ध्यान देना उचित नहीं समझा।
रविवार को भी प्रसाद दोपहर 12 बजे मंदिर के सभी काउंटरों से लुप्त हो चुका था। एकाध काउंटर पर थोड़ा बहुत प्रसाद बचा था, जिसको लेने के लिए श्रद्धालु आपस में विवाद करते नजर आए। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगामी दिनों में श्रावण मास शुरू होने वाला है और लड्डू प्रसाद शाखा की कोई तैयारी नहीं है।

नियमों की अनदेखी

social distancing break
इस तरह टूटा सोशल डिस्टेंसिंग का नियम।

महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु तो दर्शन के लिए आ रहे हंै। लेकिन गणपति मंडपम में श्रद्धालुओं के बीच सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर के पूर्व सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होना आगे जाकर कहीं ना कहीं मंदिर के पंडे पुजारियों, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मियों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। हालांकि मंदिर के अधिकारियों के पास इसको लेकर कोई प्लान तैयार नहीं है।

प्रोटोकॉल प्रवेश के लिए नया गेट

रविवार को बढ़ती भीड़ के मद्देनजर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के पश्चात सहायक प्रशासक द्वारा पुराना भस्म आरती गेट खोलकर यहां से प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं को प्रवेश की व्यवस्था शुरू करवा दी गई थी। जिसके चलते चार नंबर गेट से ऑनलाइन श्रद्धालुओं और 250 टिकट दर्शनार्थियों को आसानी से प्रवेश कराया जाता रहा। ज्ञातव्य रहे कि मंदिर के तीन गेट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। जिसमें एक 4 नंबर गेट, दूसरा महाकाल प्रवचन हाल गेट और तीसरा भस्म आरती गेट से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है।

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