भोले का प्रिय सावन माह शुरू हो गया है। सावन के पहले से ही भगवान महाकाल के दरबार में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है। दर्शन की अनुमति मिलते ही मंदिर में अब यह हाल हो गए हैं कि पूर्व की तरह लोगों की भीड़ बाबा के दर्शन को उमड़ रही है। प्री-बुकिंग बंद हो जाने के बाद लोग शीघ्र दर्शन की 250 रुपए की रसीद कटाकर बाबा महाकाल के दर्शन को जा रहे हैं।
मंदिर में इस कदर भीड़ मची है मानों कोरोना नामक यमदूत अब चला गया है। मात्र दो महीने पहले अप्रैल-मई में कोरोना के कारण यह हालात थे कि हर व्यक्ति अपनी जान बचाने की जुगत में लगा था। अपने प्रिय को बचाने के लिए आक्सीजन, जरूरी दवाइयों के लिए यहां-वहां जुगाड़ लगाई जा रही थी। उस समय इतना डर-डर कर घर के बाहर कदम रखा जा रहा था कि मानों घर की दहलीज पार करते ही मौत से सामना हो जाएगा और अब चंद दिनों के फासले के बाद ही हम इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं।
महाकाल मंदिर में देशभर के लोग जमा हो रहे हैं। न सेनिटाइजेशन की व्यवस्था, न चेहरे पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का तो सवाल ही नहीं है। सुरक्षाकर्मी जरूर इन हिदायतों को लाउड स्पीकर के जरिए याद दिलाते हैं, लेकिन पब्लिक है कि सब कुछ भुला बैठी। बमुश्किल जीरो पर पहुंचे उज्जैन में बाहर के श्रद्धालु फिर संक्रमण न बढ़ा दें। शहर में सख्ती की फिर दरकार है।