सावन के प्रथम सोमवार को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने प्रशासन के सभी अनुमान फेल कर दिये हैं। इस सोमवार को प्रशासन के सामने एक बार फिर चुनौती खड़ी होने वाली है। सावन के दूसरे सोमवार को एक बार फिर भीड़ का दबाव रहने वाला है। श्रद्धालु सावन सोमवार को राजाधिराज महाकाल के दर्शन तो कर ही लेते हैं। साथ ही सवारी में हिस्सा ले लेते हैं।
भले ही पुलिस और प्रशासन ने सवारी में आम लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है। किन्तु कई लोग जोड़तोड़ करके किसी ना किसी प्रकार सवारी में पहुंच जाते हैं। यही कारण है कि पिछले सोमवार को भी सवारी में भारी भीड़ नजर आयी थी। कई दर्शनार्थी काफी दूर से महाकाल दर्शन के लिये आते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें दर्शन कराना भी प्रशासन की जिम्मेदारी बन जाती है।
कोई भी दर्शनार्थी यहां की व्यवस्था नाराज होकर ना जाए यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है। महाकाल मंदिर के माध्यम से कई घरों में चूल्हा चल रहा है। हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। इस चुनौती से प्रशासन को निपटना होगा।