महाकालेश्वर मंदिर समिति ने बड़ी संख्या में ना जाने किस-किस को बांट दिए पास, यही बढ़ा रहे भीड़

सवारी में अवांछित युवकों का पालकी के पास दर्शन करते हुए फोटो वायरल

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर से सवारी निकाले जाने के दौरान बड़ी संख्या में लोग पालकी के आसपास जमा नजर आते हैं और यह भीड़ पूरे समय सवारी में मौजूद रहकर भीड़ बढ़ाती है। साथ ही कोरोना गाइड लाइन के नियमों का उल्लंघन भी करती है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने ना जाने कैसे ऐसे अनगिनत लोगों को मुफ्त में पास बांट दिए हैं जो कि सवारी में भीड़ बढ़ा रहे हैं और आरोप आम जनता पर लग रहा है।

श्रावण मास की चौथी सवारी बड़े ही धूमधाम से महाकालेश्वर मंदिर से निकाली गई थी। लेकिन पालकी के आसपास बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु नजर आए थे जिनके गले में पास भी डाला हुआ था, जो कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रदाय किया हुआ था। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित कोरोना गाइड लाइन नियमों का पालन सवारी में तो नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन भले ही लाख ये दावा करे कि सवारी में चुनिंदा लोग ही शामिल हो रहे हैं। लेकिन यह आम श्रद्धालुओं के साथ छलावा जैसा प्रतीत हो रहा है। क्योंकि जिला प्रशासन कोरोना के नियमों का सवारी में पालन नहीं करवा पा रहा है।

इसका जीता जागता उदाहरण सोशल मीडिया पर सामने आया है। जिसमें पंकज मोरवाल और उनके अन्य साथी गले में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रदत्त पास गले में लटकाए हुए पालकी के आसपास अपनी सेल्फी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने रसूखदारों को पास प्रदाय कर पिछले वर्षों की गलती की पुनरावृत्ति की है।

इस वर्ष जिला प्रशासन ने श्रावण मास की चारों सवारियों में इतनी सख्ती दिखाई कि किसी को भी मंदिर में प्रवेश तक नहीं करने दिया गया। यहां तक कि महाकाल घाटी से लेकर मंदिर के आसपास की गलियों को भी बेरिकेट से पाट दिया गया। किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। यहां तक कि मीडिया कर्मियों को भी इससे दूर रखा गया था। ताकि सवारी में गिने-चुने लोग जा सके और कोरोना नियमों का पालन हो सके।

लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है और जिला प्रशासन ने अघोषित रूप से सवारी में कुछ लोगों को शामिल करने की जगह ढेर सारे लोगों को जाने की अनुमति दे रखी है जो कि महाकालेश्वर मंदिर का पास गले में डाले हुए हैं।

सवारी में कहां से आ रही भीड़

सोमवार को दोपहर 1 बजे के बाद महाकालेश्वर मंदिर आने के सारे रास्ते बैरिकेट के माध्यम से बंद कर दिए जाते हैं तो आखिरकार सवारी निकलने के दौरान इतनी भारी-भरकम भीड़ कहां से सवारी में शामिल हो जाती है। यह वही लोग हैं जिनको महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा पास जारी किए गए हैं। यह इन पास का गलत उपयोग करते हुए सवारी में शामिल हो रहे हैं और मंदिर के अधिकारी और जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी यह सब देखते हुए अनजान बनकर सवारी के साथ चलते भीड़ बढ़ता देख रहे हैं।

जिला प्रशासन ने सवारी में सख्ती दिखाते हुए चुनिंदा लोगों को शामिल होने को कहा था। लेकिन यह आदेश धरा का धरा रह गया और लोग महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा दिए गए पास का दुरुपयोग करते हुए सवारी में भीड़ बढ़ाकर कोरोना को आमंत्रित कर रहे हैं।

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