झाबुआ, अग्निपथ। नर्सिंग छात्र संगठन भारत के राष्ट्रीय सचिव प्रशांत टगरिया, जिला अध्यक्ष पवन प्रजापत एवं सभी नर्सिंग छात्र-छात्राओं द्वारा फर्जी कॉलेजों पर कार्रवाई करने के लिए अपर कलेक्टर जुवानसिंह बघेल को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही मां त्रिपुरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग झाबुआ द्वारा बच्चों को प्रताडि़त करने और परीक्षा में वंचित करवाने की धमकियों को लेकर भी ज्ञापन दिया गया।
सौंपे गए ज्ञापन में कॉलेज द्वारा छात्र-छात्राओं से एग्जाम फीस लेट फीस के नाम से 500-500 लिए गए हैं और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति 75 हजार रुपये आई थी। जिसमें से 25 हजार रुपये ही कॉलेज वालों ने डरा धमका कर और परीक्षा से वंचित कराने के डर से छात्राओं से जमा करवा ली और कॉलेज में स्टॉफ ही नहीं है। केवल स्टाफ के रजिस्ट्रेशन कॉलेज में लगा रखे हैं। बाकी कॉलेज में पढ़ाने वाले टीचर्स भी नहीं है। हॉस्पीटल में प्रशिक्षण भी सही से नहीं होता है और बच्चों से आवास फॉर्म के नाम पर 2 से 3 हज़ार पहले से ही जमा करवा लिए गए और अभी तक आवास के पैसे छात्र-छात्राओं के खातों में नहीं आए।
विद्यार्थियों को बहुत प्रताडि़त किया जा रहा है और उनसे कॉलेज स्टाफ के द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है और उनके परिजनों से भी अभद्र व्यवहार किया जाता है। सभी छात्र-छात्राएं चाहते हैं कि उनके 25 हजार रुपये छात्रवृत्ति के कॉलेज वालों ने ले लिए हंै, वह वापस होना चाहिए। लेट फीस के नाम से 500-500 जो लिए गए हंै, वह भी वापस होना चाहिए और जितने भी फर्जी कॉलेज है उन पर कार्रवाई होना चाहिए
एक ही बिल्डिंग में संचालित हो रहे तीन से चार कॉलेज
ज्ञापन में आगे बताया कि झाबुआ जिले में एक ही बिल्डिंग में तीन से चार कॉलेज संचालित किए जा रहे है, उनकी जांच होना चाहिए और उन पर सख्ती से कार्रवाई होना चाहिए। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हुई और पूरी फीस ली गई। विद्यार्थियों द्वारा कलेक्टर कार्यालय में शिकायत करने पर उन्हें डराया धमकाया जाता है और प्रेक्टिकल में नंबर नहीं देंगे ऐसा कहा जाता है। जिस कारण से वे अपनी आवाज नहीं उठा पाते हैं और कॉलेज स्टाफ छात्र छात्राओं को परेशान करते है। अगर जिला प्रशासन द्वारा फर्जी कॉलेजों और छात्र-छात्राओं की मांग पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो नर्सिंग छात्र संगठन भारत द्वारा आगामी दिनों में धरना-प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी।