एक साल पहले दूसरी बार किया था बर्खास्त
उज्जैन,अग्निपथ। फर्जी अंकसूची से नौकरी पाने वाले टाईम कीपर संजय भावसार पर आखिरकार गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर दिया। धोखाधड़ी के इस मामले में नगर पालिक निगम द्वारा जांच के बाद उसे बर्खास्त कर केस दर्ज के लिए आवेदन दिया था।
सर्वविदित है भावसार ने नगर पालिका निगम जोन 4 में टाईम कीपर के पद पर पदस्थ था। उसने नौकरी पाने के लिए वर्ष 2010 में हायर सेकेंडरी की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। मामले में संभागायुक्त तक शिकायत होने पर विभाग ने जांच की थी, जिसमें पता चला था कि भावसार ने खुद को वर्ष 1991 में उत्तीर्ण बताते हुए सत्यापित अंकसूची लगाई थी।
फर्जीवाड़ा साबित होने पर उसे 20 अगस्त 2018 को विभाग ने बर्खास्त कर दिया था। इस पर भावसार ने पक्ष नहीं रखने का दावा करते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट के हस्तक्षेप पर विभाग ने 6 जुलाई को उसे पुन: बहाल करते हुए जांच शुरू की थी, लेकिन कई बार मांगने के बाद भी भावसार सहीं मार्कशीट उपलब्ध नहीं करवा सका था।
नतीजतन जांच के बाद निगमायुक्त ने 27 अगस्त 2020 को उसे पुन: बर्खास्त करते हुए केस दर्ज के लिए आवेदन दिया था। मामले में जांच के पश्चात पुलिस ने गुरुवार को भावसार पर धारा 420, 465, 467, 468 व 471 में केस दर्ज कर दिया।
देरी का कारण निगम की लेट लतीफी
मामले में आवेदन मिलते ही पुलिस केस दर्ज कर देती। लेकिन जांच से संबंधित जानकारी मांगी थी। निगम की ओर से जानकारी दी जाती रही, लेकिन गलत होने के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। अंत में पुलिस ने 4 अगस्त को निगम को पुन: नियुक्ति के समय क्यां शैक्षणिक योग्यता मांगी गई थी और भावसार ने क्या दस्तावेज लगाए थे और किन बिंदुओं पर जांच की गई जानकारी मांगी। यह मिलते ही पुलिस ने केस दर्ज कर दिया।
आगे क्या
अजमानतीय धाराओं में केस होने के कारण पुलिस भावसार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करेगी। कोर्ट जमानत तय करेगा। जांच के बाद पुलिस तय समय में अभियोग पत्र पेश करेगी। कोर्ट सुनवाई के बाद साक्ष्य अनुसार निर्णय करेगा। प्रकरण में विभिन्न धाराओं में 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान बताया जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः एलम खरीदी की फाइल में अपर आयुक्त ने की हेरफेर