1991 में भी हो चुकी सील, ऑडिट ने जताई थी आपत्ति
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल लॉन्ड्री को सील कर दिया गया। लॉन्ड्री पर 18 लाख रुपए से अधिक बकाया सहित 23 लाख की बिजली चोरी की भी पैनल्टी लगाई गई है। कुल मिलाकर 41 लाख रुपए की रिकवरी करने के चलते जिला प्रशासन ने एक बार फिर लॉन्ड्री सील करने की कार्रवाई की। अब राशि अदा नहीं करने पर नया ठेका किया जाएगा।
चरक अस्पताल स्थित लॉन्ड्री में जिला अस्पताल माधव नगर अस्पताल, जीवाजी गंज सहित अन्य शासकीय अस्पतालों के चादर, तकिए सहित अन्य कपड़े धोने का काम किया जाता है। जिसका ठेका पांडुरंग गुमास्ते नाम के व्यक्ति की धर्मपत्नी के नाम है । लॉन्ड्री में सन 2018 में निजी अस्पतालों के कपड़े धोने पर तत्कालीन सिविल सर्जन द्वारा कार्रवाई करवाई गई थी। जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आकर लॉन्ड्री को इसी मामले को लेकर कार्रवाई करते हुए 1 जनवरी 1991 को सील कर दिया था।
ऑडिट ने लॉन्ड्री पर उस समय लगभग 18 लाख रुपए का बकाया निकाला था। इसके बाद पुन: लॉन्ड्री का संचालन शुरू कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर बकाया राशि को लेकर लांड्री को सील कर दिया गया।
23 लाख बिजली चोरी की
जिला अस्पताल के वार्ड के रजिस्ट्रेशन मिलान करने पर पता चला था कि वहां के रिकॉर्ड में चादरें कम थीं और ठेकेदार के प्रपत्र में ज्यादा दर्शाई गई थी। गड़बड़ी सामने आने पर जिला प्रशासन व जिला अस्पताल प्रशासन ने ठेकेदार पर 18 लाख की पेनल्टी लगाई थी। जांच में भी पाया गया कि ठेकेदार ने चरक अस्पताल की बिजली कनेक्शन में बिजली का उपयोग किया। इससे करीब 23 लाख की बिजली जलाई गई।
टीएल बैठक में कलेक्टर ने दिए थे निर्देश
मंगलवार को टीएल बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें कलेक्टर ने लॉन्ड्री संचालक गुमास्ते पर बिजली बिल सहित 41 लाख रुपए की रिकवरी करने के निर्देश दिए थे। राशि जमा नहीं करने पर कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने चरक हॉस्पीटल पहुंचकर सील करने की कार्रवाई की। अब नया ठेका किया जा रहा है।