उज्जैन, अग्निपथ। मप्र पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी एक अत्याधुनिक लैब स्थापित करने जा रही है। शंकरपुर में यह मीटर टेस्टिंग लैब बनेगी। जिसके लिए एक नया भवन बनाया गया है। पुरानी टेस्ट लैब से सटकर ही भवन निर्माण हुआ है। जिसमें ठेकेदार की मेहरबानी से, भवन के पूर्ण होते ही बारिश में छत बुरी तरह से टपकना शुरू हो गई।
सर्वविदित है कि शंकरपुर में लंबे समय से मीटर टेस्ट लैब स्थापित है। इस लैब को अब अत्याधुनिक बनाने के लिए, सबसे पहले एक भवन का निर्माण किया गया। जिसके लिए अप्रैल 2020 में निविदा निकाली गई थी। 19 लाख की लागत से नये भवन का निर्माण हुआ है। मगर जब भवन तैयार हुआ और बारिश शुरू हुई तो, नवनिर्मित भवन की छत से पानी इस कदर टपका कि…पूरा हाल ही पानी से भर गया।
डर…
विद्युत वितरण कंपनी के सिविल विभाग ने यह डर समाया हुआ है कि…जिस तरीके से ठेकेदार को बचाया जा रहा है और गुणवत्ताहीन कार्य को, अधिकारी नजर अंदाज कर रहे है। उससे मीटर टेस्टिंग लैब के लिए भविष्य में परेशानी हो सकती है। इस लैब में जो अत्याधुनिक मशीने स्थापित होने है। उनकी कीमत लाखों में है और उनको रख-रखाव की ज्यादा आवश्यकता होती है। इन मशीनों पर अगर एक बूंद पानी भी गिर गया तो फिर लम्बा नुकसान होगा। ऐसी चर्चा विद्युत विभाग में सुनाई दे रही है। इस मामले को लेकर जब सिविल के कार्यपालन यंत्री श्री उपाध्याय को फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
लीपापोती…
नये भवन की छत, पहली ही बारिश में टपकने की शिकायत इंदौर तक हुई है। ऐसा हमारे सूत्रों का कहना है। मगर ठेकेदार श्री टोंगरिया पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। उल्टे ठेकेदार को अपनी गलती सुधारने का भरपूर समय दिया गया। नतीजा ठेकेदार ने छत पर टारफेट (डामर की शीट) बिछाकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली। ताज्जुब की बात यह है कि…डामर शीट (टारफेट) बिछाते वक्त भी मापदंडों का पालन नहीं किया गया है। कई जगह से ओवर लेपिंग है। शीट समतल नहीं बिछाई गई है। इस शीट पर सिल्वर कलर पोतना जरूरी होता है। ताकि सूरज की गर्मी से शीट खराब ना हो। ठेकेदार ने ऐसा कुछ नहीं किया है। बस…लीपापोती कर दी है।
अधूरा स्टैंड…
ठेकेदार को यहां पर कर्मचारियों के लिए वाहन स्टैंड भी बनाना था। मगर ठेकेदार ने केवल औपचारिकता निभाते हुए आधा-अधूरा स्टैंड बना दिया है। जिसके चलते कर्मचारियों में आक्रोश की लहर है।