62 साल पुराना भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया
बदनावर, अग्निपथ (अल्ताफ मंसूरी)। शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय का 62 साल पुराना भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया है। चार साल पहले इस भवन को जर्जर मानकर गिराने की कवायद होनी थी, लेकिन न तो इस भवन को जमींदोज किया गया और न ही इसकी मरम्मत की गई। अब फिर से स्कूल की मरम्मत के लिए कार्रवाई की जा रही है। यहां एक ही शाला एक ही परिसर के मान से कक्षा पहली से आठवीं तक 269 छात्राएं दर्ज हैं। वर्ष 1959 में निर्मित भवन अब बदहाल अवस्था में पहुंच चुका है।
स्कूल में कक्षा पहली से पांचवीं तक 91 तथा छठी से आठवीं तक 179 छात्राएं दर्ज हैं। यहां चार मतदान केंद्र भी बनाए गए थे। वर्तमान समय में भवन की दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है, तो छत का प्लास्टर जगह-जगह से गिर रहा है। खिड़की-दरवाजे भी टूट-फूट रहे हैं। बारिश में छत टपकती है, तो सीलन के कारण फर्श व दीवारों में भी नमी बनी रहती है। भवन की इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए चार साल पहले इसे गिराने की कार्रवाई अधर में लटक गई।
जर्जर भवन पर किसी ने नहीं दिया ध्यान
कोरोना काल के दौरान इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब जब स्कूल खुल गए हैं, तो जनप्रतिनिधियों ने इसकी सुध ली है। प्रधान अध्यापक सुभाष शर्मा ने स्कूल की मरम्मत को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है जबकि जनप्रतिनिधियों ने उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव को अवगत कराया है। इसके बाद अब स्कूल की मरम्मत की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर को सौंपी गई है, किंतु अभी तक एस्टीमेट बनकर तैयार नहीं हुआ है जबकि बच्चों ने स्कूल आना शुरू कर दिया है। हालांकि परिसर में और भी कक्ष हैं, किंतु वे नाकाफी हैं। उनमें से कुछ कमरों की छत का प्लास्टर उखड़ रहा है और बैठने के लिए फर्नीचर नहीं होने से बारिश के दौरान गीले फर्श पर ही बच्चों को टाटपट्टी पर बैठना पड़ रहा है। ऐसे में जोखिम के साथ नौनिहाल पढ़ाई करने को मजबूर हैं। प्रधान अध्यापक सुभाष शर्मा ने कहा कि स्कूल भवन में दरवाजे, खिड़की व दीवारों की मरम्मत के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर पूर्व में भी कई बार अवगत करा चुके हैं। छत की मरम्मत हो गई है, किंतु शेष कार्य अब भी बाकी है।
उधर लोनिवि के सब इंजीनियर एमके कैथवार ने बताया कि संबंधित स्कूल भवन की मरम्मत के लिए करीब 12 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया है। हालांकि भवन की स्थिति काफी कमजोर है। फिर भी स्वीकृति मिलने के बाद मरम्मत की जाएगी।