शाजापुर, अग्निपथ। फर्जी स्कूल के संचालक पर एफआईआर दर्ज नहीं होने से नाराज विद्यार्थियों और उनके परिजनों ने शिक्षा विभाग का घेराव कर कार्रवाई की मांग की। साथ ही ज्ञापन सौंपकर बीआरसी पर भी मामले में लीपापोती करने के आरोप लगाए। इसके साथ पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर भी पीडि़त विद्यार्थियों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए न्याय की गुहार लगाई।
ग्राम लड़ावद स्थित अशासकीय फ्यूचर क्रिएशन ऐकेडमी में पिछले 3 वर्षों से शिक्षा देने के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ छलावा किया जा रहा था। बिना मान्यता के स्कूल संचालन की जानकारी जब ग्रामीणों को लगी तो उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन तक को मामले की शिकायत की। मामले के तूल पकड़ते दिखने पर शिक्षा विभाग द्वारा जांच हेतु टीम गठित की गई और नवागत शिक्षा अधिकारी ने फर्जी स्कूल संचालक पर एफआईआर दर्र्ज कराने के आदेश जारी कर दिए, लेकिन मामले में बीआरसी रजनीश महिवाल एफआईआर कराने के पक्ष में नजर नही आए और उन्होने आदेश जारी होने के बाद भी संचालक पर एफआईआर दर्ज नही कराई। बीआरसी द्वारा की जा रही इस लीपापोती की जब विद्यार्थियों और के परिजनों को जानकारी लगी तो उन्होंने मंगलवार को शाजापुर पहुंचकर शिक्षा विभाग का घेराव कर दिया। इसके बाद शिक्षा अधिकारी अभिलाष चतुर्वेदी को ज्ञापन सौंपकर दोषी स्कूल संचालक पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। साथ ही ज्ञापन में बताया कि इस पूरे मामले में बीआरसी महिवाल द्वारा गांव के भूतपूर्व सरपंच के साथ मिलकर संचालक को बचाने के लिए लीपापोती की जा रही है। इसके बाद विद्यार्थियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जन सुनवाई और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर उन्हे भी शिकायती आवेदन दिया।
यह है पूरा मामला: बिना मान्यता के स्कूल का संचालन कर सूरजसिंह ने बगैर मान्यता न होने पर भी स्कूल में प्रवेश दे दिया। बच्चों ने अन्यत्र स्कूल में जाने के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र मांगा तो संचालक ने धोखाधड़ी को छिपाने के लिए ज्ञानदीप स्कूल बेरछा से फर्जी अंकसूची और टीसी बनाकर परिजनों को थमा दी। उक्त दस्तावेज लेकर जब विद्यार्थी अन्य स्कूलों में प्रवेश के लिए पहुंचे तो पता चला कि अंक सूची से लेकर स्थानांतरण प्रमाण पत्र भी स्कूल की ही तरह फर्जी है। साथ ही किसी भी बच्चे को स्कूल में मेप्ड ही नही किया गया है। े परेशान विद्यार्थियों ने अपने परिवार के साथ शाजापुर पहुंचकर शिक्षा विभाग में शिकायत की। विभाग ने जांच रिपोर्ट के उपरांत बीआरसी को निर्देशित किया कि वे स्कूल संचालक सूरजसिंह पर एफआईआर दर्ज कराएं, परंतु आदेश मिलने के बाद भी बीआरसी ने संचालक पर कोई एफआईआर दर्र्ज नहीं कराई। नतीजतन मंगलवार को शाजापुर पहुंचकर विद्यार्थियों ने शिकायत कर कार्र्रवाई किए जाने की मांंग की।