बडऩगर (अजय राठौड़), अग्निपथ। कॉलोनी को विकसित कर अनेक सुविधाओं को उपलब्ध कराने के सब्जबाग दिखा कर आशियाने की चाह रखने वालों को विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक प्रलोभन बताकर प्लाट बुक कर दिए जाते है। किन्तु सुंदर घर का सपना संजोने वाले जब इन्हीं प्लाटों पर सपनों का आशियाना खड़ा कर इनमें रहने लग जाते तब तक भी कॉलोनाइजर मूलभुत सुविधाएं देने के वादे को पुरा नहीं करते हैं।
ऐसे में कॉलोनी में निवासरत लोगों को सुविधाओं के आभाव में दिन हो या रात जैसे-तैसे गुजारना पड़ती है। जहां कॉलोनाईजर समस्याओं को नजर अंदाज कर इनकी सुध नहीं लेता है वहीं पहले से ही अपनी जेब भारी कर चुके प्रशासन के संबधित नुमाइंदे भी जान बूझकर अनदेखी करते है। जब पीडि़त जन प्रशासन को समस्या से अवगत कराते है तो ढील पोल वाली कार्यवाही कर कार्य की इतिश्री कर लेते है। ऐसे में जहां प्लाट बेचकर कॉलोनाइजर चैन की नींद सो रहे होते हैं, वहीं सुविधाओं के आभाव में परेशानी के कारण कॉलोनीवासियों की नींद हराम होती देखी जा सकती है।
ऐसा ही मामला डायवर्शन रोड स्थित सूर्यांश पैराडाईज कॉलोनी का है। जहाँ के रहवासियों की नींद कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उड़ी हुई है। जो सुविधाऐं कॉलोनाईजर ने अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है।
सुविधाऐं अधुरी – न जाने कब होगी पुरी
कॉलोनी वासी बलराम सोनी ने अग्निपथ को बताया कि यहां के रहवासी मूलभूत समस्याओं से जुझ रहे हैं। जिसमें कोलोनाईजर द्वारा यहां पानी की सुविधा भी प्रदान नहीं की जा रही है। जिसके चलते पानी के लिए लोगों को दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। न ही सडक़ की समस्या पर ध्यान दिया जा रहा है। कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर हमेशा पानी भरा रहता है जिससे आवागमन में बहुत परेशानी होती है। पूरी कॉलोनी में कचरा व गंदगी पसरी हुई है और उसकी साफ सफाई भी नहींं हो पा रही है।
खतरों का अंदेशा – हो सकती है दुर्घटना
स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है जो जलती नहीं है। कोलोनी में विद्युत डीपी और जिनके तार भी खुले पड़े हुए है। जिससे बच्चों और आवारा पशुओं को करंट लगने का डर बना रहता है। कॉलोनी पर रात में अंधेरा कायम रहता है और अंधेरे के कारण कई प्रकार के खतरों का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। कभी भी कोई दुर्घटना घटित हो सकती है। ऐसी समस्याओं के बारे में कई बार कॉलोनाइजर शाकिर हुसैन व भुपेन्द्र कुमार चिप्पड निवासी प्रतापगढ़ (राजस्थान) को सूचित किया गया लेकिन इनके द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
नपा के अल्टीमेटम का भी डर नहीं
कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट, पेयजल व्यवस्था ना होने, सुरक्षा की दृष्टि से महिलाओं के रात में कॉलोनी में बाहर नहीं निकल पाने आदि के संबंध में कॉलोनीवासियों ने लिखित में नगर पालिका को शिकायत की। जिसके चलते नपा ने कॉलोनाईजर को नोटिस देकर सुविधाओं में सुधार के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। इस अल्टीमेटम का भी कॉलोनाइजर पर कोई असर नहीं हुआ है और समस्याएं अब भी जस की तस हैं।