अपनो को खो चुके परिवार वालों ने दिवंगतों को किया याद

घडिय़ाली आंसू बहाने हर वर्ष आते हैं नेता, शासन की घोषणाएं नहीं हुई अब तक पूरी

पेटलावद, अग्निपथ। 12 सितंबर 2015 की सुबह न केवल पेटलावद बल्कि झाबुआ जिले सहित मध्यप्रदेश के लिए काली सुबह इतिहास में दर्ज हो चुकी है जो 79 लोगो की कब्रगाह और 150 लोगों को अधमरा छोड़ कर अपने निशान जीवन भर के लिए छोड़ गई। जिलेटिन की छड़ों की वजह से हुए ब्लास्ट के कारण हुई घटना के 6 साल बाद पीडि़त और नगर तो पटरी पर लौट आया है।

लेकिन राजनीति और प्रशासन ने अपना मान-सम्मान और विश्वास पूरी तरह से गंवा दिया है।पीडि़त आज भी न्याय के लिए भटक रहे है। मृतक के परिवार को 5 लाख और सरकारी नौकरी के दावे कर सरकार ने अपनी कॉलर चढ़ा ली तो प्रशासन ने खुद के सिस्टम को क्लीनचिट दे दी और पुलिस की कार्रवाई तो इतनी कमजोर थी कि इस बड़ी घटना का कोई भी आरोपी सज़ा नहीं पा सका है। हर वर्ष बात होती है लेकिन 12 सितंबर से अगली सुबह इस और कोई देखता तक नहीं है। इस बार भी हर बार की तरह नेताओं का घडिय़ाली आंसू बहाने के लिए आना तय था और छूट-पुट नेता आए भी लेकिन उनकी उपस्थित कहीं से कहीं तक यह नहीं जता पाई की वो पीडि़त परिवार के प्रति थोड़े भी संवेदनशील है।

सारंगी मंडल के पदाधिकारियों ने की श्रद्धांजलि अर्पित

पेटलावद ब्लास्ट पीडि़तों की छठवीं पुण्य तिथि पर रविवार 12 सितम्बर को भारतीय जनता पार्टी के सारंगी मंडल अध्यक्ष सुखराम मोरी द्वारा अपने मंडल की कार्यकारणी के साथ सुबह 10 बजे पेटलावद श्रद्धांजलि चौक पहुंच कर दिवंगत आत्माओं को पुष्प अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जिला महामंत्री कृष्णपाल सिंह गंगाखेड़ी, पेटलावद मंडल महामंत्री कालू सिंह सोलंकी, जनपद सदस्य तेजमल सोलंकी, कोषाध्यक्ष राजकुमार पालीवाल, मीडिया प्रभारी सुरेश परिहार, धर्मेंद्र पाटीदार बावड़ी, तेजपाल सिंह राठौर , राकेश गामड़, सूरसिंह मीणा, देवीसिंह निनामा, सागर प्रजापत, मांगीलाल गरवाल आदि अन्य कार्यकर्तागण उपस्थित हुए।

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