श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति : मंदिर में लेखा प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं नये प्रशासक
बारकोड कांड की जांच में अब आएगी गति, कहा- सुलभ दर्शन कराना सर्वोच्च प्राथमिकता
उज्जैन, अग्निपथ। मंगलवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक पद पर नगर निगम के वित्त अधिकारी गणेश कुमार धाकड़ ने पदभार ग्रहण कर लिया। पूर्व में श्री धाकड़ मंदिर के लेखा विभाग में प्रभारी पद पर भी कार्य कर चुके हैंं और बारकोड कांड की जांच में आए लेखापाल विपिन ऐरन की कार्यप्रणाली से भली-भांति परिचित हैं। अब बारकोड कांड की जांच वही करेंगे।
मंगलवार को 11 बजे मंदिर के प्रशासनिक भवन के प्रशासक कक्ष में श्री धाकड़ ने पदभार ग्रहण किया। इस दौरान सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी और मंदिर की शाखाओं के प्रभारियों द्वारा उनका शाल व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया।
श्री धाकड़ की प्रदेश के अध्यात्म विभाग द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग में लाते हुए उनकी पदस्थापना की गई है। श्री धाकड़ आरएसएस के करीबी भी माने जाते हैं। ज्ञात हो कि श्री धाकड़ (सहायक संचालक, मप्र वित्त सेवा अधिकारी) वर्तमान में वित्त अधिकारी नगरनिगम उज्जैन के पद पर कार्यरत हैं। श्री धाकड़ इसके पहले 5 वर्ष तक केन्द्रीय उत्पाद एवम् सीमा शुल्क में डीएसपी के पद पर कार्यरत रह चुके हंै।
बारकोड कांड की करेंगे जांच
श्री धाकड़ प्रशासक बनने से पहले मंदिर के लेखा विभाग के प्रभारी पद पर भी कार्यरत थे। इसलिए वह विभाग की कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित हैं। ज्ञात हो कि कुछ समय पहले मंदिर के लेखापाल विपिन ऐरन द्वारा अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर मंदिर का -बार कोड डाल कर उसके नीचे अपना मोबाइल नंबर फ्लैश कर दानदाताओं को भ्रमित किया जा रहा था। जिस पर समाचार पत्रों द्वारा मामला उजागर कर कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया था। इसके पश्चात तत्कालीन मंदिर प्रशासक को मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। लेकिन 7 दिन प्रशासक पद का कार्यभार संभालने के बाद उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ सोजान सिंह रावत को पद से हटा दिया गया। वह हिंदूवादी संगठनों के रडार पर थे। वहीं लेखापाल विपिन ऐरन की कार्यप्रणाली से श्री धाकड़ भलीभांति परिचित हैं। उनके द्वारा लेखा विभाग प्रभारी रहते हुए लेखापाल श्री ऐरन की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। जिसमें बताया गया था कि लेखापाल द्वारा फाइल पर टीप लगाकर दबावपूर्वक हस्ताक्षर के लिए बोला जाता है। इधर संत अवधेश पुरी महाराज द्वारा नवागत मंदिर प्रशासक से इस मामले की जांच कर दोषी पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
सुलभ दर्शन कराना सर्वोच्च प्राथमिकता
पदभार ग्रहण करने के बाद प्रशासक श्री धाकड़ ने कहा कि उज्जैन की पहचान श्री महाकालेश्वर मंदिर से है और श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन करवाना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। श्री महाकालेश्वर मंदिर का वैभव सर्वविदित है, इसलिए बाहर से आने वाले श्रद्धालु एक अच्छी छवि लेकर उज्जैन से जाएं। श्री धाकड़ ने कहा कि, सभी लगातार सेवाभाव से कार्य करें। ऐसा कोई कार्य न करें, जो अशोभनीय हो। जितना हो सके सकारात्मक रूप में मंदिर की व्यावस्थाओं एवं भौतिक विकास में सहयोग करें।