महिदपुर, अग्निपथ। जैन समाज में नगर के लुणावत परिवार में चातुर्मास के दौरान विभिन्न उपवास की तपस्या करने वाली पांच तपस्विनियों का बुधवार को बहुमान किया गया। उनके तप की अनुमोदना के लिए धर्मसभा का आयोजन भी किया गया।
साध्वी विरलप्रभाजी एवं विपुलप्रभाजी की निश्रा में माया पारस लुणावत के 35 उपवास की तपस्या के साथ ही चन्दनबाला-नरेन्द्र लुणावत एवं सौ. बिन्दिया-पुखराज लुणावत के सिद्धी तप, निशा दिलीप लुणावत के अक्षय निधि तप एवं निर्मला-राजेन्द्र लुणावत के द्वितीय वर्षीतप तपस्या के अनुमोदनार्थ प्रात: तपस्वी मंदिर दर्शन हेतु खरतरगच्छ आराधना भवन असाड़ी गली पहुंचे। देवदर्शन के बाद आयोजित धर्मसभा में गुरुदेव राजेन्द्रसूरी के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्ज्वलन रमेश लुणावत, अंकुर भटेवरा, सरदारमल चौपड़ा, मुकेश बांठिया, राजकुमार सकलेचा एवं श्रीपाल चौपड़ा ने किया।
धर्मसभा को मुकेश बांठिया, सरदारमल चौपड़ा, बाबूलाल आंचलिया, ललित चौरडिय़ा-रतलाम, विपीन कोचर-इन्दौर, रामलाल मालवीय विधायक घट्टिया, सुमतिलाल चौरडिय़ा वापी गुजरात, रेणु सुराणा नीमच, राजबाला पंवार रिंगमादे, आदि ने सम्बोधित कर तपस्वियों के तप की अनुमोदना की। बहुमान विभिन्न जैन श्रीसंघों सहित समाज के अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने किया।
सभा में साध्वीवर्या ने प्रवचन में तप की आराधना की महत्ता एवं भगवान महावीर की वाणी का प्रभावी विश्लेषण। आभार पारस लुणावत ने माना। संचालन जैनेन्द्र खेमसरा ने किया।