उज्जैन। जागो-ग्राहक- जागो…। अब मदिरा की किसी भी दुकान से शराब खरीदने पर बिल जरूर मिलेगा। यह फरमान मप्र शासन का है। अगस्त माह में इस आशय का आदेश कार्यालय आबकारी आयुक्त मोतीमहल ग्वालियर द्वारा निकाला गया है। आदेश के अनुसार तो हर ग्राहक को बिल (केश मेमो) देना जरूरी है। भले ही ग्राहक मांगे या नहीं मांगे। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। उल्टे यह जरूर दुकान संचालक बोल रहे है कि … लोग मांग नहीं रहे तो हम भी बिल नहीं दे रहे है।
प्रदेश के कई जिलों में जहरीली शराब कांड हो चुका है। जिसमें उज्जैन भी शामिल है। इस पर अंकुश लगाने और तय कीमत से ज्यादा वसूली नहीं हो जाये। इसको लेकर ही आबकारी आयुक्त ने यह आदेश निकाला है। 19 अगस्त 2021 को निकले इस आदेशानुसार, अब भले ही… क्वार्टर- हाफ- बोतल या पेटी खरीदों। दुकान संचालक को बिल देना जरूरी है। फिर भले ही ग्राहक बिल की डिमांड करे या ना करे। अनिवार्य रूप से हर ग्राहक को बिल देना होगा। शासन का यही फरमान है। इसके अलावा आदेश में यह भी स्पष्ट लिखा है कि … मदिरा की दुकानों (देशी-विदेशी) पर संबंधित आबकारी विभाग के अधिकारी का मोबाइल नम्बर दर्ज होना चाहिये। ताकि ग्राहक उस पर बिल नहीं दिये जाने की शिकायत दर्ज करा सके।
बहाने …
भले ही आबकारी आयुक्त द्वारा 19 अगस्त को यह आदेश जारी किया गया। लेकिन इसका पालन करने और करवाने में, ठेकेदार और विभाग दोनों की रूचि कम ही है। तभी तो बहाना बना दिया जाता है कि … लोग बिल नहीं मांग रहे तो हम बिल नहीं दे रहे। एक ग्राहक ने तो अग्निपथ को सोशल मीडिया पर लिखकर भेजा। देशी मदिरा की बोतल पर 20 प्रतिशत अधिक राशि वसूल की जा रही है। 300 रूपये की देशी मदिरा प्लेन के 340 रूपये वसूल किये जा रहे हैं, और बिल देने का तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। (देखे स्क्रीन शाट)
अंकुश ….
शराब की दुकानों से भले ही बगैर मांगे बिल देने की मेहनत कोई नहीं करना चाहता है। मगर अब शायद इस पर अंकुश लग सके। आज आबकारी विभाग के डिप्टी कमिश्नर वीरेन्द्र कुमार सक्सेना संभाग उज्जैन का आगमन हो रहा है। उनके पास भोपाल का अतिरिक्त प्रभार है। जिसके चलते संभाग में भले ही अभी बिल देने की आदत शुरू नहीं हुई। लेकिन उनके उज्जैन आगमन के बाद, बिल देने के नियम में सख्ती जरूर आयेंगी।