जावरा, अग्निपथ। आधुनिकता के इस दौर में जहां लड़कियां भी किसी लिहाज से कम नहीं है औरर हर क्षेत्र मे महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। जीवन के हर सुख दु:ख में महिलायें अपना कत्र्तव्य निभाते हुए दिखाई देती है, ऐसे ही कत्र्तव्यों को निभाने की एक तस्वीर फिर से निकल कर आई है जो महिलाओं के हौंसले और जज्बे को बयां करती है।
श्रीमती राठौड़ के निधन से छाया शोक-धर्म नगरी मन्दसौर की दलोदा तहसील के ग्राम बनी में रहने वाली और धर्मपरायण करने वाली महिला आनंदीबाई राठौड़ का 75 वर्ष कि आयु में शनिवार रात्रि में दु:खद निधन हो गया। जिनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र शोक मग्न हो गया।
दी मुखाग्नि-आनंदीबाई की अंतिम यात्रा घर से नगर में निकालते हुए पुत्री चंदा हरीश राठौड़ और छोटी पुत्री श्यामा राठौड़ ने कंधा देकर मुखाग्नि दी। उल्लेखनीय है कि आनंदीबाई को पुत्र सन्तान नहीं थी, जिसके चलते अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रिया पुत्री श्यामा, चंदा हरीश और दामाद पप्पू लाल राठौड़, श्यामलाल ने मिलकर ग्राम बनी के मुक्तिधाम पर मुखाग्नि दी। विदित हो कि आनंदीबाई राठौर का पीहर पेटलावद होने से पीहर पक्ष सहित पेटलावद, रायपुरिया, करडावद, सारंगी क्षेत्र के राठौर समाजजन भी अन्तिम यात्रा में शामिल होने के लिए बनी पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। आनंदीबाई पेटलावद क्षेत्र के पत्रकार हरीश राठौड़ की धर्मपत्नी चंदा राठौड़ की माताजी और हरीश राठौर की सासूजी थी।