जिला प्रशासन का दोहरा रवैया, सांसद बोले- अधिकारियों के भी मकान तोड़ो
उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ के लिए आरक्षित जमीन पर कटी अवैध कालोनियों के मामले में जिला प्रशासन का दोहरा रवैया सामने आया है। सेंटपॉल स्कूल रोड पर खुली देशी शराब की दुकान जिस जमीन पर है वह भी राजस्व रिकार्ड में सिंहस्थ भूमि के रूप में दर्ज है। खुद विधायक पारस जैन इसे हटाने के लिए कई बार कलेक्टर आशीषसिंह को कह चुके हैं। विधायक के हस्तक्षेप के बाद नोटिस जारी जरूर हुआ लेकिन कलाली नहीं हटी।
इसके ठीक उलट प्रशासनिक टीम राजस्व रिकार्ड में सिंहस्थ आरक्षित जमीन पर बने मकानों को तोडऩे की जोर-शोर से कोशिश में जुटी है। दावा किया जा रहा है कि फिलहाल सिंहस्थ भूमि पर 2016 के बाद हुए निर्माण ही हटाए जाएंगे। देशी शराब की दुकान तो इसी साल अप्रैल महीने में डली है।
सेंटपॉल स्कूल रोड पर सिंहस्थ आरक्षित जमीन पर देशी शराब की दुकान खोले जाने का मुद्दा सबसे पहले दैनिक अग्निपथ द्वारा ही उठाया गया था। विधायक पारस जैन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश के बाद आबकारी विभाग से कलाली को हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। नोटिस को लेकर शराब ठेकेदार कोर्ट चला गया, इस मामले में न्यायालय से किसी तरह स्टे नहीं है, इसके बावजूद जिला प्रशासन, नगर निगम और आबकारी विभाग निर्माण हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं।
सिंहस्थ आरक्षित अन्य जमीन और शराब की दुकान वाली जमीन के प्रकरण में कई सारी समानताएं है। दोनों ही जमीन राजस्व रिकार्ड में सिंहस्थ आरक्षित हैं, दोनों ही मामलो में निर्माण 2016 के बाद हुआ, दोनों ही मामलों में निर्माण उन स्थानों पर हुआ जहां पिछले 3 सिंहस्थ से किसी तरह के कैंप नहीं लगे हैं। फर्क है तो सिर्फ इतना कि एक जगह शराब ठेकेदार काबिज है और दूसरी जगहों पर आम लोग।
अधिकारियों ने दिया संरक्षण
सिंहस्थ आरक्षित जमीन से 2016 के बाद के पक्के निर्माण हटाने के मामले में सांसद अनिल फिरोजिया की अलग ही राय है। सांसद फिरोजिया का कहना है कि 2016 के बाद हुए सिंहस्थ क्षेत्र के सारे पक्के निर्माण हटाए जाएंगे, फिर चाहे वे प्रभावशाली लोगों के ही क्यों न हो। सांसद फिरोजिया ने कहा कि कुछ अधिकारियों के संरक्षण में ये निर्माण हुए हैं लिहाजा दोषी अधिकारियों की पहचान कर उनके भी निर्माण तोड़े जाने चाहिए।
सांसद ने कहा कि जिन गरीब लोगों ने सिंहस्थ क्षेत्र में मकान के लिए जमीन खरीदी है, कॉलोनाइरों से उनके रुपए वापस मिल सके, इसके लिए भी प्रशासन को पहल करना चाहिए।
पहले निशाने पर कॉलोनाइजर
कलेक्टर आशीषसिंह का कहना है कि सिंहस्थ क्षेत्र में हुए सभी पक्के निर्माण हटाया जाना तय हुआ है लेकिन प्रशासन द्वारा उन लोगो के खिलाफ प्राथमिकता से कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने सिंहस्थ आरक्षित जमीन पर प्लॉट बेचे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ मकान तोडऩे और रासुका के तहत कार्रवाई जैसे कदम उठाए जा रहे है।
मंगल कॉलोनी पहुंची नूरी
सिंहस्थ की जमीन पर बन चुकी कॉलोनियों के 350 से ज्यादा रहवासियों को राजस्व और नगर निगम टीमों द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद रविवार को कांग्रेस नेत्री नूरी खान आगर रोड स्थित मंगल कॉलोनी पहुंची। इस कॉलोनी को काटने वाले गोवर्धन पटेल का मकान दो दिन पहले ही तोड़ा जा चुका है। नूरी खान ने कहा कि जिस शख्स ने प्लॉट बेचे, उसके खिलाफ कार्रवाई हो चुकी, अब प्रशासन गरीब तबके के लोगों को परेशान न करे। यदि गरीबों के मकान तोड़े गए तो कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
अवैध निर्माण जांचने निकले एडीएम
शनिवार दोपहर एडीएम संतोष टेगौर, एसडीएम, तहसीलदार, आरआई, पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों के साथ सिंहस्थ क्षेत्र में 2016 के बाद बने पक्के मकानों का जायजा लेने पहुंचे। चिमनगंज थाने पर एकत्रित होने के बाद मंगल नगर सहित अन्य कॉलोनियों का जायजा लिया गया। एडीएम टैगोर ने कहा कि मुहीम में आम लोगों का कम से कम नुकसान हो और प्रक्रिया भी पूरी की जाए, इसी की प्लानिंग के लिए कॉलोनियों को देखने पहुंचे थे।