जनसुनवाई: फरियादी की जिद और बदले-बदले सरकार…!

उज्जैन, अग्निपथ। साप्ताहिक जनसुनवाई में आज एक बार फिर, कलेक्टर के सामने फरियादी हाजिर था। वही पुरानी जिद को लेकर। मेरा बीपीएल कार्ड बनाकर दो। कलेक्टर ने नियमों का हवाला देकर साफ मना कर दिया। मगर फरियादी जिद पर अड़ा रहा। इधर पिछली जनसुनवाई में, मानदेय को लेकर आक्रोश जताने वाले सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर के तेवर, इस बार बदले-बदले थे। उनका यह बदलाव एडीएम के कारण था।

चतुराई…

कोरोना के बाद शुरू हुई जनसुनवाई में पिछले मंगलवार की यह घटना है। तब अपर कलेक्टर श्री टैगोर पहली दफा जनसुनवाई में आये थे। उनके जाने के बाद सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर नरेन्द्र राठौर ने आकर आक्रोश दिखाया। जिनको मंगलनाथ मंदिर प्रशासक पद से कलेक्टर ने हटा दिया है। उनका आक्रोश मानदेय रोकने को लेकर था। तब उन्होंने एसडीएम कोठी महल संजय साहू (जो मौजूद नहीं थे) उनका नाम लेकर, तहसीलदार अभिषेक शर्मा और श्रीकांत शर्मा के सामने खरी-खरी सुनाई थी। मगर आज माहौल बदला था।

श्री राठौर के आते ही, एडीएम ने उनके लिए कुर्सी मंगवाई। पानी पिलवाया। तो श्री राठौर भी बदले-बदले सरकार नजर आये। आज उन्होंने जनसुनवाई में मौजूद एसडीएम संजय साहू से मिलने का समय मांगा। एसडीएम ने भी कह दिया। कभी भी आ जाओं। मगर…कलेक्टर आशीषसिंह के आते ही श्री राठौर चुपचाप रवाना हो गये।

जनसुनवाई और फरियादी मांगूसिंह निवासी नागदा का रिश्ता, बिलकुल सास-बहू जैसा है। पिछले कई सालों से। मांगूसिंह की फरियाद को, प्रशासन शुरू में हमेशा नकारता है। लेकिन जिद के पक्के मांगूसिंह, न्यायालय तक मामला ले जाते हैं। अपनी मांग पूरी करवा कर ही दम लेते हैं। इस बार उनकी जिद बीपीएल कार्ड को लेकर है। यह तीसरी जनसुनवाई थी। जब वह फिर हाजिर हो गये।

नहीं बन सकता…

कलेक्टर आशीषसिंह ने पहली ही जनसुनवाई में मना कर दिया था। कोरोना के बाद वाली पहली सुनवाई। 2 बीघा जमीन के मालिक हो। बीपीएल कार्ड नहीं बनेगा। दूसरी जनसुनवाई में एडीएम संतोष टैगोर ने मांगूसिंह को बहला-फुसलाकर वापस भेज दिया था। आज तीसरी जनसुनवाई थी। जैसे ही कलेक्टर आशीषसिंह आये। उधर मांगूसिंह हाजिर हो गये।

मांगूसिंह को देखते ही, एडीएम उठकर चले गये। कलेक्टर ने फिर पूछ लिया। कितनी जमीन है कुल। जवाब मिला कि 10 बीघा। कलेक्टर ने फिर साफ इंकार कर दिया। तब तक एडीएम भी वापस आकर बैठ गये। जिद्दी मांगूसिंह, बहुत देर तक खड़े रहे। फिर कलेक्टर से बोले कि…इन्होंने मुझे बंद करवा दिया था। उनका इशारा एडीएम की तरफ था। जिसे सुनकर कलेक्टर सहित सभी हंस दिये। आखिरकार मांगूसिंह बोलकर गये कि…मुझे यहां न्याय नहीं मिल सकता है।

संवेदना…

भले ही सिहंस्थ 2016 के बाद, सिहंस्थ क्षेत्र में निर्माण हुए मकानों पर प्रशासन बुलडोजर चला रहा है। लेकिन प्रशासन, बेघर हुए लोगों के लिए रास्ता भी खोज रहा है। तभी तो शहरी सीमा क्षेत्र से लगी कालोनियों में एलआईजी और ईडब्ल्यूएस की सूची तैयार कर रहा है। ताकि उन लोगों को यहां पर प्लाट दिलवा सके। जो कि खरीदने के इच्छुक है। प्रशासन ने 24 कालोनियों में ऐसे 474 प्लाटों की सूची तैयार कर ली है। दायित्व एडीएम श्री टैगोर को सौंपा है। जिन्होंने 24 कालोनियों में से एलआईजी के 171 प्लाट व ईडब्ल्यूएस के 303 प्लाट निकाले है। यह प्लाट अभी-अभी बेघर हुए लोगों को प्राथमिकता से खरीदने पर दिये जायेंगे। यह सभी कालोनी शहरी क्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों की है। शहरी क्षेत्र की कालोनियों की भी जानकारी प्रशासन द्वारा एकत्रित की जा रही है।

अवार्ड…

प्रशासन द्वारा महाकाल मंदिर के सामने स्थित मकानों का अवार्ड पारित करने के बाद, अब कालभैरव और चारधाम मंदिर क्षेत्र का भी अवार्ड तय कर दिया है। एसडीएम कोठी महल संजय साहू के मुताबिक, कालभैरव के सामने स्थित 0.909 हे. के अधिग्रहण हेतु 91 लाख 56 हजार का मुआवजा और चारधाम मंदिर से आगे की रोड़ 24 मीटर चौड़ी करने के लिए 16 लाख 27 हजार 600 का मुआवजा तय किया गया है। चारधाम से आगे के 10 मकान पूरी तरह से और 1 मकान आंशिक रूप से हटाया जायेगा।

 

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