अवैध निर्माण के मामले में अग्निपथ की खबर का असर
उज्जैन, अग्निपथ। आगर रोड पर मकोडिय़ा आम नाका के पास मंगल नगर की जमीन पर भाजपा नेता और पूर्व पार्षद पंकज चौधरी द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण पर नोटिस जारी हो गया है। पंकज चौधरी से तीन दिन में जवाब मांगा गया है, उनसे कहा गया है कि वे निर्माण की अनुमति दिखाए।
दैनिक अग्निपथ ने ही मंगल नगर की सिंहस्थ आरक्षित जमीन पर प्रशासन द्वारा दोहरे मापदंड अपनाए जाने का खुलासा किया था। मंगल नगर की इसी सर्वे नंबर की जमीन पर पीछे की और बने मकानों को राजस्व और नगर निगम की टीम तुड़वा रही है जबकि मेन रोड़ पर पूर्व पार्षद और भाजपा नेता दो मंजिला मकान तान रहे है। जिस जगह पूर्व पार्षद द्वारा मकान का निर्माण कराया जा रहा है वह जमीन राजस्व रिकार्ड में सिंहस्थ भूमि के रूप में दर्ज है। राजस्व निरीक्षक आलोक चौरे के मुताबिक पूर्व पार्षद को नोटिस जारी कर उनसे निर्माण संबंधी दस्तावेज तलब किए गए है।
सिंहस्थ क्षेत्र में संभागायुक्त ही दे सकते है एनओसी
- राजस्व रिकार्ड में यदि भूमि सिंहस्थ क्षेत्र के रूप में दर्ज है तो उस पर निर्माण का अनापत्ति प्रमाण पत्र(एनओसी) जारी करने का अधिकार केवल संभागायुक्त को ही है।
- संभागायुक्त की एनओसी के बाद ही सिंहस्थ क्षेत्र में किसी तरह के निर्माण की अनुज्ञा जारी हो सकती है।
- राज्यशासन ने 2013 में एक आदेश जारी कर संभागायुक्त को इसके लिए अधिकृत किया है।
- खास बात यह है कि संभागायुक्त को 2013 में इसके अधिकार मिले लेकिन 2013 के बाद से अब तक संभागायुक्त कार्यालय से सिंहस्थ क्षेत्र में निर्माण की एक भी एनओसी जारी नहीं हुई है।
13 से पहले का निर्माण है तो उसे बढ़ा नहीं सकते
भाजपा नेता और पूर्व पार्षद पंकज चौधरी के निर्माण से जुड़े मामले में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि जहां दो मंजिला मकान का निर्माण हो रहा है वहां पहले से कच्चा मकान बना हुआ था। कच्चा मकान गिराकर उसे नया रूप दिया जा रहा है।
इस मामले में नियम यह कहता है कि यदि सिंहस्थ क्षेत्र में 2013 के पहले से निर्माण है और किसी कारण से उसे हटाकर नया निर्माण किया जाना है तो जितना निर्माण पहले था, उतना ही दोबारा किया जा सकता है।
इसके लिए विधिवत अनुमति लेना होती है, पतरे का सिंगल कच्चा मकान हटाकर उसे पक्का दो या तीन मंजिला करने की अनुमति तो किसी को नहीं है।