पूरी दुनिया को चकरघिन्नी करने वाले कोरोना तुम्हें दुनिया में अवतार लिये एक वर्ष से अधिक समय हो चला है। भारत में भी तुम्हारे प्रवेश को नौ माह होने को आये हैं। सारी दुनिया का चिकित्सा संसार आज तक तुम्हारे आगे घुटनों के बल बैठा हुआ है और त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहा है। तुमने जो तमाचा विज्ञान को लगाया है वह सदियों तक नहीं भुलाया जा सकेगा। मानव चाँद, मंगल, पाताल, आकाश पहुँचकर अपने आपको तुर्रम खाँ समझ रहा था। तुमने उसे उसकी औकात दिखाकर उसका घमंड चकनाचूर कर दिया। हे कोरोना तुम्हारी वेक्सीन आने की तारीख पर तारीख सुन-सुन कर कान पक गये। तुमने पूरा साल 2020 निकाल दिया दुनिया की छाती पर मूँग दलते-दलते। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जिसको अपने आप पर बड़ा नाज था कि वह पूरी दुनिया का स्वास्थ्य ठीक रखने वाला ठेकेदार है। उसने सारी दुनिया के चिकित्सा वैज्ञानिकों को भर्ती कर रखा है जिसके दम पर वह इतराता था तुमने उसे ऐसा सबक सिखाया कि डब्ल्यूएचओ सारी चौकड़ी भूल गया। सारी दुनिया पर राज करने वाला शहंशाह अमेरिका जो अपनी सैन्य शक्ति, सामारिक शक्ति, परमाणु बमों की बदौलत पूरी दुनिया का डॉन बन बैठा था, अब तुम्हारे सामने भीगी बिल्ली बना बैठा है।
‘कोरोना’ तुमने अभी तक संसार के 6 करोड़ 41 लाख 94 हजार 674 लोगों को संक्रमित कर दिया है और 14 लाख 86 हजार 829 को मौत के मुँह में धकेल दिया है। भारत में 2 दिसंबर 2020 तक 95 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1 लाख 38 हजार 122 लोग मौत की नींद सो चुके हैं। यह तो उन लोगों का आँकड़ा है जिनसे तुम्हारी आमने-सामने की लड़ाई थी परंतु तुम्हारे प्रकोप के कारण लगे लॉकडाउन ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है जिससे भारत जैसे विकासशील देशों की हालत तो और ज्यादा ही खराब हो गई। काम, धंधे, व्यवसाय, व्यापार ठप्प हो गये। बेरोजगारी के कारण पूरे देश में आर्थिक तंगी के कारण सैकड़ों लोग फाँसी के फंदे पर झूल गये या जहर खा लिया। ऐसी मौतों की संख्या भी हजारों में होगी।
बीते 12 माहों में चिकित्सा वैज्ञानिक, ज्योतिष, पंडित, मौलवी, फादर, विश्व स्वास्थ्य संगठन कोई भी तुम्हारा स्वभाव को नहीं समझ पाया। तुम्हारे बारे में की गई सारी भविष्यवाणियाँ तुमने गलत साबित कर दी है। और हमारे भारत देश के हाल तो और भी निराले हैं। जितना तुम नहीं डरा पाते हो उससे ज्यादा तो हमारे देश का प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया डरा देता है। ‘कोरोना की तीसरी लहर आना बाकी’ इस तरह के शीर्षक से देश के लोग और ज्यादा भयभीत हो जाते हैं। अभी देश में कुछ ऐसी ही स्थिति है। सरकारी आँकड़े अलग कहानी बयाँ कर रहे हैं और मीडिया का राग अलग। विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित अनेक लोगों ने भविष्यवाणियाँ की थी कि भारत में प्रतिदिन 1 लाख लोग संक्रमित होंगे और सच में शायद यह आँकड़ा 95 हजार तक पहुँच भी गया था। भारत में 2 अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 52 हजार 971, 27 अगस्त को 76 हजार से अधिक, 3 सितंबर 2020 को 83 हजार 883, 6 सितंबर को ही 24 घंटों में 86 हजार से अधिक संक्रमित मरीज मिले थे। यदि इन आँकड़ों को देखें तो आज देश की स्थिति बहुत बेहतर है। 1 दिसंबर को पिछले 24 घंटों में 31 हजार 118 और 2 दिसंबर को बीते 24 घंटों में 36 हजार 604 ही व्यक्ति संक्रमित निकले। इस लिहाज से सितंबर की तुलना में लगभग एक तिहायी। अक्टूबर 2020 में पूरे माह में 18 लाख 71 हजार 498 मामले थे जबकि नवंबर में यह घटकर 12 लाख 78 हजार 727 ही रह गये अर्थात 30 प्रतिशत की कमी आयी है जो निश्चित तौर पर देशवासियों के लिये सुखद समाचार है। इसका कारण नागरिकों की जागरूकता के साथ भारतीयों पर ईश्वर, अल्लाह, वाहे गुरू और प्रभु यीशु की मेहरबानी ही है। भारतीयों ने खान-पान और दिनचर्या से अपनी जीवन शैली को बदलकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया है। ऊपर वाले की कृपा सदैव हम भारतवासियों पर बनी रहे।
जय महाकाल