पुलिस द्वारा पिछले दिनों शराब से भरे हुए ट्रक को पकडऩे की कार्रवाई की गयी। एक संगठन द्वारा पुलिस की इस कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह खड़े करते हुए श्रेय लेने की का कार्य किया जा रहा है। संगठन का कहना है कि शराब से भरे ट्रक को 20-25 किलोमीटर पीछा कर उन्होंने पकड़ा है। पुलिस सिर्फ पूरी घटना का श्रेय ले रही है। संगठन की बात अपनी जगह सही हो सकती है। किन्तु संगठन की बात कहीं ना कहीं विरोधाभासी है। पूरे प्रकरण में महत्वपूर्ण बात यह है कि संगठन ने पुलिस को शुरुआत में खबर क्यों नहीं की जब उन्हें सूचना मिली थी कि ट्रक में बड़ी संख्या में पशु ले जाये जा रहे हैं। वहीं दूसरी बात यह है कि संगठन की मौजूदगी में ग्रामीण क्षेत्र के लोग बहुत आसानी से पेटियों से शराब उठाकर ले गये। ऐसी और कई बाते हैं जो संगठन की सहज रूप से स्वीकार नहीं हो रही हैं। इस पूरे मामले में पुलिस का भी अपना पक्ष है। पुलिस का कहना है कि सूचना मिलने पर उसने कार्रवाई की है। पुलिस का तर्क इस लिये दमदार है कि पूरे मामले में कार्रवाई की गयी है। बहरहाल जो भी हो पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं संगठन अपनी। दोनों श्रेय लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

Next Post

बिना लड़े जीतेंगे सुशील मोदी:महागठबंधन ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए कैंडिडेट नहीं उतारा, सुशील मोदी निर्विरोध रह गए

Thu Dec 3 , 2020
पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरे, लेकिन विपक्ष ने उन्हें वॉकओवर दे दिया। राज्यसभा चुनाव के नॉमिनेशन के पहले दिन बुधवार को सुशील मोदी ने, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में नामांकन भरा था। लेकिन, राजद ने महागठबंधन की ओर से […]