मेले को लेकर गफलत का माहौल

जनप्रतिनिधि बोले मेला लगेगा, भोपाल से नहीं आया आदेश

उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक पूर्णिमा (19 नवंबर) से एक महीने तक शिप्रा तट पर लगने वाले मेले के आयोजन को लेकर गफलत की स्थिति बन गई है। सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन दावा कर चुके है कि कार्तिक का मेला जरूर लगेगा, इसके ठीक विपरीत जिला प्रशासन ने अब तक मेले के आयोजन को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। गफलत का माहौल और स्पष्ट आदेश नहीं होने की वजह से नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी ठंडे बैठ गए हंै।

पिछले दिनों सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन ने दावा किया था कि इस साल कार्तिक का मेला जरूर लगेगा। दोनों जनप्रतिनिधियों के दावे के बाद मेले का आयोजन तय माना जा रहा था लेकिन जैसे-जैसे आयोजन की तारीख नजदीक आती जा रही है, गफलत की स्थितियां बन रही है। नगर निगम के अधिकारी बिना किसी लिखित आदेश के मेले के आयोजन से जुड़ा कोई कदम उठाने से बच रहे हैं। कलेक्टर आशीष सिंह की तरफ से हरी झंडी नहीं मिल पाने की वजह से नगर निगम ने मेला स्थल पर किसी तरह की तैयारी नहीं की है। खुद कलेक्टर भी भोपाल से कोई आदेश के इंतजार में हंै।

15 के बाद होगा फैसला

मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर नई गाईड लाइन पर फैसला 15 नवंबर के बाद होने की संभावना है। राज्यस्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में संपूर्ण मध्यप्रदेश में धार्मिक मेलों के आयोजन की अनुमति जारी की जा सकती है। फिलहाल खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पूरी सरकार 15 नवंबर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों में व्यस्त है। भोपाल से नई गाईड लाइन जारी होने के बाद ही मेले के आयोजन को लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी।

गधों के व्यापारियों ने डाला डेरा

कार्तिक पूर्णिमा से पहले उज्जैन में मवेशियों का मेला लगाए जाने की पुरानी परंपरा है। कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा के बीच शिप्रा तट बडऩगर रोड़ पर लगने वाले मवेशी मेले में देशभर से गधे और खच्चर बेचे जाने के लिए लाए जाते हैं। देश में गधो का मेला केवल दो ही स्थानों मध्यप्रदेश में उज्जैन में और राजस्थान में पुष्कर तीर्थ में लगता है। गधो का मेला शुरू होने से पहले देश के कई हिस्सों से गधो और खच्चरों के व्यापारी यहां आ पहुंचे है।

अब ये बोले विधायक

मेरी, सांसद अनिल फिरोजिया, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा और उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव तीनों से बात हुई है। सभी चाहते है कि इस साल कार्तिक का मेला जरूर लगे लेकिन मध्यप्रदेश शासन की नई गाईड लाइन जारी नहीं हो पाने की वजह से आयोजन को लेकर स्थिति साफ नहीं है। कलेक्टर भी तब तक आदेश जारी नहीं कर सकते, जब तक कि शासन की ओर से अनुमति नहीं मिल जाती। हमारी कोशिश जारी है। – पारस जैन, विधायक उज्जैन उत्तर

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